tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post1074209620667427604..comments2023-10-30T15:17:40.771+05:30Comments on एक आलसी का चिठ्ठा ...so writes a lazy man: हीर पुखराज पूजागिरिजेश राव, Girijesh Raohttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-68741057349014138352013-04-18T08:51:10.729+05:302013-04-18T08:51:10.729+05:30शिशिर नहीं शरद ऋतु!
'राम की शक्ति पूजा'
...शिशिर नहीं शरद ऋतु! <br />'राम की शक्ति पूजा' <br />गायन चुनौती थर थर थर <br />.<br />.<br />.<br />.<br />गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-8882839202776160742013-04-16T15:10:10.054+05:302013-04-16T15:10:10.054+05:30अर्थान इन दिनों नवरात्र है, शैल, शेफाली, पुष्प, रश...अर्थान इन दिनों नवरात्र है, शैल, शेफाली, पुष्प, रश्मि (इत्यादि इत्यादि) के ब्लोगों पर गिरिजेश राव रुपी राम, पोस्ट रुपी जप के ऐसे स्वर लगा रहे हैं, कि समस्त ब्लॉग जगत थर् थर थर काँपने लगा है, किन्तु बालिकाओं (शैल, शेफाली, पुष्प, रश्मि इत्यादि इत्यादि और आने वाली इत्यादियाँ ) परेशान न हो, लिखती रहो, अपने ब्लोग्स में वसँत के फूल खिलाती रहो, क्योंकि अगर आलसी का चिट्टा के द्वारा तुमलोगों के ब्लोग्स पर शिशिर ऋतु लाने का प्रयास भी किया गया, तो वो संक्रमण संभव नहीं होगा :):) <br />यही माने है न ?<br />:):) स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-1144501307189992102013-04-16T11:56:23.318+05:302013-04-16T11:56:23.318+05:30अन्त में लगा चित्र समूह गहन अभिव्यक्ति है……
॥शक्त...अन्त में लगा चित्र समूह गहन अभिव्यक्ति है……<br /><br /><b>॥शक्ति की उपासना करते शिव॥</b>सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-43856209265760561102013-04-16T08:57:30.424+05:302013-04-16T08:57:30.424+05:30नवरात्र हो
'शैल' पर 'शेफाली' के पु...नवरात्र हो<br />'शैल' पर 'शेफाली' के पुष्प हों, <br />प्रात की 'रश्मि'याँ हों <br />- कोई राम ऐसे में ध्यान लगाये तो <br />'संचित त्रिकुटी पर ध्यान द्विदल देवी पद पर<br />जप के स्वर लगा काँपने अम्बर थर थर थर' <br />सधेगा क्या? वसंत में शरद का संक्रमण हो गा क्या? <br /> गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-75809389880592138662013-04-16T08:28:04.242+05:302013-04-16T08:28:04.242+05:30ये जो नाम आप ले रहे हैं, उनके पीछे कुछ न कुछ काण्ड...ये जो नाम आप ले रहे हैं, उनके पीछे कुछ न कुछ काण्ड आप ज़रूर कर रहे हैं :):)<br />प्रतिभा-शिल्प तो समझ आया ...<br />हीरा-पुखराज पायेंगे अगर आप पूजा करेंगे, ऐसा कोई लोचा है का ?? :):)स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-75870780667292323952013-04-16T07:50:46.948+05:302013-04-16T07:50:46.948+05:30काफ़ी पढ़ा है तीनों को और तीनों की ही तारीफ़ के शब...काफ़ी पढ़ा है तीनों को और तीनों की ही तारीफ़ के शब्द कम हैं मेरे पास।स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-44036591715594124742013-04-16T05:55:56.257+05:302013-04-16T05:55:56.257+05:30 भाव-संसार में भिन्नता होतेहुए भी हीर जी और पुखराज... भाव-संसार में भिन्नता होतेहुए भी हीर जी और पुखराज जी में एक समानान्तरता लगती है.पूजा जी की मनोभूमि मे एक रूमानियत अनुभव की हुई-सी!प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-65913899414544502932013-04-16T00:57:08.788+05:302013-04-16T00:57:08.788+05:30पारुल पुखराज का लेखन खूब पढ़ा है और उनकी मधुर स्वर...पारुल पुखराज का लेखन खूब पढ़ा है और उनकी मधुर स्वर लहरी भी सुनी है। कम ही लोग इस प्रकार की बहुमुखी प्रतिभा रखते हैं। मेरी शुभकामनायें! Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-22759006380839539192013-04-16T00:52:46.022+05:302013-04-16T00:52:46.022+05:30तीनो ही काफी समय से नियमित लिख रही हैं,उन्हें पढन...तीनो ही काफी समय से नियमित लिख रही हैं,उन्हें पढना अच्छा लगता है.<br />आपने तीनो के बारे में बहुत ही अच्छा लिखा है.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-848656243345362852013-04-15T22:05:39.775+05:302013-04-15T22:05:39.775+05:30तीनो ही अभिन्न प्रतिभा की स्वामिनी!! इस प्रस्तुति ...तीनो ही अभिन्न प्रतिभा की स्वामिनी!! इस प्रस्तुति के लिए आभार!!सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-43642883850634571192013-04-15T18:04:42.661+05:302013-04-15T18:04:42.661+05:30pooja जी को पढ़ा है। अच्छा लगता है वहां। ताज़ी हवा...pooja जी को पढ़ा है। अच्छा लगता है वहां। ताज़ी हवा के हँसते झोंके जैसी लगती हैं वे। जिसे कोई बाँध नही पाए। जो हमेशा ताजगी और रिलेक्सेशन लाए। कहीं कोई बनावट नही। कोई छिपाव कोई बनावट नही। बस बहती हवा।<br /><br />हीर जी और पुखराज जी को अब तक नही पढ़ा। या एकाध बार शायद। परिचय के लिए आभार।<br /><br />आभार इस पोस्ट के लिए।Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-89558494029230643192013-04-15T16:06:39.339+05:302013-04-15T16:06:39.339+05:30GoodGoodArun Sonkar(Head Teacher)https://www.blogger.com/profile/17655977647347374053noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-86926179516133312842013-04-15T15:04:19.169+05:302013-04-15T15:04:19.169+05:30नज़र है, आपकी पारखी नज़र पर,
असर है, वक्त के घुलते...नज़र है, आपकी पारखी नज़र पर,<br />असर है, वक्त के घुलते असर पर,प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com