tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post1159842080332821245..comments2023-10-30T15:17:40.771+05:30Comments on एक आलसी का चिठ्ठा ...so writes a lazy man: हे देश शंकर !गिरिजेश राव, Girijesh Raohttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-54201240059969444332013-03-10T14:19:50.124+05:302013-03-10T14:19:50.124+05:30अद्वितीय, अद्वितीय ,अद्वितीय !!!
अद्वितीय, अद्वितीय ,अद्वितीय !!!<br /><br />रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-24788312581616365462013-03-10T12:36:23.427+05:302013-03-10T12:36:23.427+05:30भगवान शंकर को समर्पित एक उत्तम रचना भगवान शंकर को समर्पित एक उत्तम रचना ramuhttps://www.blogger.com/profile/10260854295133623254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-13733495663189524892013-03-10T10:54:53.310+05:302013-03-10T10:54:53.310+05:30बेहतरीन चित्रण। वैसे भी शास्त्र में सम्पूर्ण ब्रह्...बेहतरीन चित्रण। वैसे भी शास्त्र में सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को शिव रूप बताया गया है।ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-61217070056663283442011-03-03T15:40:48.955+05:302011-03-03T15:40:48.955+05:30अब लिखने में तो गिरिजेश जी का कोई सानी नहीं - और अ...अब लिखने में तो गिरिजेश जी का कोई सानी नहीं - और अब बिटिया भी जुड़ गयी हैं रचना की डगर पर - तो आगे भी खूबसूरत रचनाओं की नदी बहती रहने वाली है - जय हो ....Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-39435358936950361142010-02-13T17:44:22.081+05:302010-02-13T17:44:22.081+05:30अनुराग शर्मा जी से अक्षरश: सहमत, असुर उत्पात तभी श...अनुराग शर्मा जी से अक्षरश: सहमत, असुर उत्पात तभी शांत होता है जब शंकर अशांत हों। और हां,<br />चित्र से इस पोस्ट का महत्व कई गुणा ज्यादा हो गया है, आप दोनों को बधाई।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-10010788062206092192010-02-13T13:03:29.192+05:302010-02-13T13:03:29.192+05:30पाक चीन उद्धत बर्बर
चीर देह शोणित भर खप्पर
नृत्य...पाक चीन उद्धत बर्बर <br />चीर देह शोणित भर खप्पर <br />नृत्य प्रखर डमरू डम घोष गहन, <br />हिल उठें दुर्ग अरि, छल कट्टर<br /><br />मानो साक्षात शिव तांडव कर रहे हों ......... नृत्य कर रहा है आपकी रचना का हर शब्द ....<br />लाजवाब प्रस्तुति .......दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-10502394949876115152010-02-13T09:10:02.018+05:302010-02-13T09:10:02.018+05:30हे देश शंकर!
फागुन माह होलिका, भूत भयंकर -
प्रज्व...हे देश शंकर! <br />फागुन माह होलिका, भूत भयंकर -<br />प्रज्वलित, हों भस्म कुराग दूषण अरि सर -<br />मल खल दल बल। पोत भभूत बम बम हर हर ।<br />हे देश शंकर।<br />सुंदर, महाशिवारात्रि की शुभकामनाएँ<br />regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-61524080973589892802010-02-13T06:40:32.708+05:302010-02-13T06:40:32.708+05:30शंकर से आपकी मांग में आपके साथ. शिवरात्रि की शुभका...शंकर से आपकी मांग में आपके साथ. शिवरात्रि की शुभकामनाएं!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-68667796203947539712010-02-12T22:03:04.010+05:302010-02-12T22:03:04.010+05:30इसमें चित्रात्मकता बहुत है। आपने बिम्बों से इसे सज...इसमें चित्रात्मकता बहुत है। आपने बिम्बों से इसे सजाया है। ध्वनि बिम्ब या चाक्षुष बिम्ब का सुंदर तथा सधा हुआ प्रयोग। बिम्ब पारम्परिक नहीं है – सर्वथा नवीन। इस कविता की अलग मुद्रा है, अलग तरह का संगीत, जिसमें कविता की लय तानपुरा की तरह लगातार बजती रहती है । अद्भुत मुग्ध करने वाली, विस्मयकारी। <br />बहुत अच्छी प्रस्तुति।<br />इसे 13.02.10 की चिट्ठा चर्चा (सुबह ०६ बजे) में शामिल किया गया है।<br />http://chitthacharcha.blogspot.com/मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-30102069065445027682010-02-12T19:54:37.225+05:302010-02-12T19:54:37.225+05:30ati sundar sir :)ati sundar sir :)Parul kananihttps://www.blogger.com/profile/11695549705449812626noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-52240903250140139882010-02-12T19:32:04.408+05:302010-02-12T19:32:04.408+05:30बहुत खूब. संभवत: होली शैवों का ही उत्सव रहा होगा. ...बहुत खूब. संभवत: होली शैवों का ही उत्सव रहा होगा. भले ही इसका प्रारंभ, विष्नु साधक प्रहलाद की कथा से है.कालांतर में इसे भिन्न रूप मिले होगे. ब्र्ज में कृष्ण और गोपियों का प्रेम मिल गया, अवध में राम का शौर्य. <br /><br />चित्र मिश्रण के लिये अलका लो साधुवाद. आपके शीर्षक को तो कविता से अधिक चित्र सार्थक करता है.पंकजhttps://www.blogger.com/profile/05230648047026512339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-87027433802261751902010-02-12T19:02:11.011+05:302010-02-12T19:02:11.011+05:30गिरिजेश भाई अपना हाल कविता निरक्षर जैसा है इसलिये ...गिरिजेश भाई अपना हाल कविता निरक्षर जैसा है इसलिये टिप्पणी करने के नाम से दो तीन बार पढ़ चुकने के बाद भी आंखों के आगे करिया अक्षर भैंस बराबर का टैग लगा हुआ है ! पहली बार टिपिया रहे है सो झूठ काहे बोलें , आपकी कविता को मारक / प्रभावी और धारदार बनाने में निःसंदेह बिटिया द्वारा सृजित दृश्य का महत्वपूर्ण योगदान है ! <br /><br />महाशिवरात्रि पर अशेष शुभकामनायें !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-79800699398624540862010-02-12T17:44:04.635+05:302010-02-12T17:44:04.635+05:30Anayas hi Nirala ki RAM KI SHAKTI PUJA yaad aa gay...Anayas hi Nirala ki RAM KI SHAKTI PUJA yaad aa gayi. Badhayi.Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-12548715283515449272010-02-12T14:27:27.314+05:302010-02-12T14:27:27.314+05:30अरे अलका बिटिया को तो हम साधुवाद देना भूल ही गए थे...अरे अलका बिटिया को तो हम साधुवाद देना भूल ही गए थे -शाबाश बेटे -पापाका हाथ बटाने के लिए .Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-69812834134352270222010-02-12T13:48:16.494+05:302010-02-12T13:48:16.494+05:30मैं भी तो यही मना रहा हूँ , ''........बह च...मैं भी तो यही मना रहा हूँ , ''........बह चले सुमति गंगा निर्झर ''<br />पर ऐसा होता कम ही दिखता है !Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-23256743595088180482010-02-12T13:31:53.903+05:302010-02-12T13:31:53.903+05:30बोलकर पढने में इस कविता का कोई सानी नहीं.बोलकर पढने में इस कविता का कोई सानी नहीं.सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-29643286378576330752010-02-12T13:31:26.927+05:302010-02-12T13:31:26.927+05:30ओह ! अति आनंद... आह्लादित हुआ... धन्यवाद... हिंदी ...ओह ! अति आनंद... आह्लादित हुआ... धन्यवाद... हिंदी कविता की बात ही निराली है.सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-16976694649667609592010-02-12T10:24:37.049+05:302010-02-12T10:24:37.049+05:30बहुत ही बेहतरीन और रोचक रचना राव साहब !बहुत ही बेहतरीन और रोचक रचना राव साहब !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-49692002297260327022010-02-12T09:54:04.584+05:302010-02-12T09:54:04.584+05:30आज मूड बनाया था कि छन्नूलाल मिश्र जी को सुनूंगा गा...आज मूड बनाया था कि छन्नूलाल मिश्र जी को सुनूंगा गाते हुए कि 'खेले होरी दिगम्बर मसाने में' लेकिन यह लेखन देख थोडा रूक सा गया हूं। दो बार पढा, तीन बार पढा और मन मस्त हो अब YOUTUBE पर मुनीम जी वाला गीत देख रहा हूं - शिवजी बिहाने चले, पालकी सजाईके ना....। <br /><br />http://www.youtube.com/watch?v=YndAv2bi3A4सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-35708278558740564292010-02-12T09:32:18.353+05:302010-02-12T09:32:18.353+05:30बहुत ही बढिया रचना लगी , पढते ही जोश आ गया ।बहुत ही बढिया रचना लगी , पढते ही जोश आ गया ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-18550819645780400922010-02-12T09:10:33.171+05:302010-02-12T09:10:33.171+05:30अब तो शंकर को अपना तांडव दिखाना ही होगा। सुन्दर रच...अब तो शंकर को अपना तांडव दिखाना ही होगा। सुन्दर रचना । महाशिवरात्रि की बधाई एवं शुभकामनाएँ.निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-62850547551744211882010-02-12T09:09:03.069+05:302010-02-12T09:09:03.069+05:30जगे जोगीरा सरर सरर, हे देश शंकर
गिरिजेश भाई ...जगे जोगीरा सरर सरर, हे देश शंकर<br /><br /> गिरिजेश भाई ,<br />बहुत सुन्दर कविता लिखी है आपने चित्र भी बहोत पसंद आया <br /> बहुत आभार - प्रेषित करने का <br />स्नेह सहित <br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-57044582013715531812010-02-12T08:49:13.716+05:302010-02-12T08:49:13.716+05:30""हर हर बह रहा रुधिर
है प्रगति क्षुधित ...""हर हर बह रहा रुधिर <br />है प्रगति क्षुधित बेकल हर गाँव शहर <br />खोल हिमालय जटा जूट, जूँ पीते शोणित त्रस्त प्रकर <br />तांडव हुहकार, रँग उमंग धार, बह चले सुमति गंगा निर्झर <br />हे देश शंकर।<br />पाक चीन उद्धत बर्बर <br />चीर देह शोणित भर खप्पर नृत्य प्रखर <br />डमरू डम घोष गहन, हिल उठें दुर्ग अरि, छल कट्टर ।<br />शक्ति मिलन त्रिनेत्र दृष्टि, आतंक धाम हों भस्म भूत, ढाह कहर <br />हे देश शंकर।""<br /> महादेव के जरिये सुंदर संदेश ,आभार.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-36286687279843433712010-02-12T07:25:28.136+05:302010-02-12T07:25:28.136+05:30हे देश शंकर ...
कर तांडव भयंकर ...
फाग में जोगीजी ...हे देश शंकर ...<br />कर तांडव भयंकर ...<br />फाग में जोगीजी का यह रूप अनूठा ,दुर्लभ , अनुकरणीय , श्रद्धा जगाने वाला है ...<br />बहुत बढ़िया ....!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-55337228190768136932010-02-12T07:03:40.716+05:302010-02-12T07:03:40.716+05:30हे देश शंकर...जय हो महाराज!
महाशिवारात्रि की बहु...हे देश शंकर...जय हो महाराज!<br /><br /><br />महाशिवारात्रि की बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com