tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post3350833611817667359..comments2023-10-30T15:17:40.771+05:30Comments on एक आलसी का चिठ्ठा ...so writes a lazy man: केंकड़ा : लंठ महाचर्चागिरिजेश राव, Girijesh Raohttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-62700515496328014982009-08-08T21:24:32.596+05:302009-08-08T21:24:32.596+05:30केकडा अपने सगोतियों पर चिल्लाया, अगर तुमने मुझे रो...केकडा अपने सगोतियों पर चिल्लाया, अगर तुमने मुझे रोक लिया होता तो मैं इस गंग-चिल्ली का आहार न बनता. तभी चार-पांच चिदियें घडे पर टूट पड़ीं और सबसे आलसी केकड़े को छोड़ बाकी सब को खा गयीं.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-90840334767597630992009-08-02T19:35:03.346+05:302009-08-02T19:35:03.346+05:30सुबह होते ही केकडा चिल्लाया देखो मैं तो ऊपर आ ही ग...सुबह होते ही केकडा चिल्लाया देखो मैं तो ऊपर आ ही गया...यानि टांग खींचने वाले भी कभी न कभी ता चूक करबे करते हैं...बस चढ़ने वाले को अपना प्रयास जारी रखना चाहिए और ऐसी रातों का इन्तजार करना चाहिए ..अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-58222347734963158592009-08-02T15:56:25.949+05:302009-08-02T15:56:25.949+05:30केंकड़ा के बहाने क्या बहुत कुछ कहने जा रहे हैं आप !...केंकड़ा के बहाने क्या बहुत कुछ कहने जा रहे हैं आप ! <br />अभी तो केंकड़ा की समझ बना रहा हूँ इस छोटी-सी प्रविष्टि से ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-58417705183173285662009-08-02T14:48:56.591+05:302009-08-02T14:48:56.591+05:30केकडा कौन ?केकडा कौन ?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-74334864978364667542009-08-02T14:48:03.264+05:302009-08-02T14:48:03.264+05:30केकडा के बहाने कई निहितार्थ सधेंगे.केकडा के बहाने कई निहितार्थ सधेंगे.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-39030133721913584842009-08-02T13:33:32.503+05:302009-08-02T13:33:32.503+05:30केंकड़े के जन्म की कथा नहीं बताएंगे। अपनी माँ का शर...केंकड़े के जन्म की कथा नहीं बताएंगे। अपनी माँ का शरीर ही इनका प्रथम आहार होता है। ये वहीं से अपनी चाल चिन्हाते हैं। इसलिए हे कथाकुलदीपक, आप अपनी मखमली कथा में हमारी टिप्पणियों रूपी टाट के पेबन्द की अपेक्षा न करते हुए अपनी किस्सागोई को अबाध गति से आगे बढ़ाएं।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-26687178805181201212009-08-02T13:08:45.593+05:302009-08-02T13:08:45.593+05:30राम राम!!!!!!
पहली बार आपके ब्लाग पर आया हूं....य...राम राम!!!!!!<br /><br />पहली बार आपके ब्लाग पर आया हूं....यहां आकर बहुत अच्छा लगा...अब आता रहूंगा.आभार.Chandan Kumar Jhahttps://www.blogger.com/profile/11389708339225697162noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-59664957490798511542009-08-02T10:40:20.642+05:302009-08-02T10:40:20.642+05:30@अभिषेक ओझा
पहली पूर्ति के लिए धन्यवाद । कहानी का...@अभिषेक ओझा<br /><br />पहली पूर्ति के लिए धन्यवाद । कहानी का अंश तो वाकई खत्म हो गया। ब्रिलियांतो (brilliant)|<br /><br />लेकिन यह तो कथा है - किस्सागोई शैली में। अभी बहुत कुछ शेष है। लगे हाथ कथा पूर्ति पर भी लेखनी चलाएँ। <br />पहले पूर्तिकार बनें बन्धु।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-87961105269938916292009-08-02T10:33:59.680+05:302009-08-02T10:33:59.680+05:30यूरेका ! यूरेका ! यूरेका ! लिख दूं तो कहानी यहीं ख...यूरेका ! यूरेका ! यूरेका ! लिख दूं तो कहानी यहीं ख़तम नहीं हो जायेगी :)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-10857754900025686732009-08-02T10:23:53.012+05:302009-08-02T10:23:53.012+05:30अभी कुछ नहीं कहूंगा, जल्दबाजी होगा। पहले देख लूं य...अभी कुछ नहीं कहूंगा, जल्दबाजी होगा। पहले देख लूं यह केंकड़ा क्या करामात दिखाता है!बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायणhttps://www.blogger.com/profile/09013592588359905805noreply@blogger.com