tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post3473405169376959431..comments2023-10-30T15:17:40.771+05:30Comments on एक आलसी का चिठ्ठा ...so writes a lazy man: एक पुनर्प्रस्तुति - मोलई माट्साबगिरिजेश राव, Girijesh Raohttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-84999491924305080872013-01-28T09:44:57.791+05:302013-01-28T09:44:57.791+05:30अद्भुद लिखते हैं आप... एकदम्मे अद्भुद अद्भुद लिखते हैं आप... एकदम्मे अद्भुद पद्म सिंहhttp://padmsingh.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-35086422303092565622012-06-29T13:11:12.816+05:302012-06-29T13:11:12.816+05:30सोच रहे हैं आपका शिष्यत्व ग्रहण कर लिया जाए... आ...सोच रहे हैं आपका शिष्यत्व ग्रहण कर लिया जाए... आप देंगे तो नहीं जो स्वत: ही ग्रहण कर लेते हैं....Astrologer Sidharthhttps://www.blogger.com/profile/04635473785714312107noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-80336353149104544982012-06-29T07:40:34.730+05:302012-06-29T07:40:34.730+05:30गजब लंठ भरे हैं फेसबुक पर भी - कर दिये मेरे रिकॉर्...गजब लंठ भरे हैं फेसबुक पर भी - कर दिये मेरे रिकॉर्ड की ऐसी तैसी! कान पकड़ता हूँ कि अब किसी रिकॉर्ड को फेसबुक पर शेयर नहीं करूँगा।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-50706198552179247552012-06-29T01:18:47.727+05:302012-06-29T01:18:47.727+05:30बहुत बढि़या...
ऐसा लगता है लिछमनिया को माट्साब क...बहुत बढि़या... <br /><br />ऐसा लगता है लिछमनिया को माट्साब की संगत में कुछ अधिक ही जानकारी हो गई थी। <br /><br /><br />लिछमनिया के मुंह से सुनी कहानी में लेखक निरपेक्ष कैसे रह सकता है... :) <br /><br />गांव के सूदखोर मास्टर के पक्ष में खड़े होकर लिखी गई कहानी में भले ही लेखक को निरपेक्ष बनाने में मदद करती है, लेकिन अवसरवादी मार्क्सवाद और ग्रामीण सूद संसार की दुर्दशा उसे एक विशिष्ट कोने में खड़ा पाती है। <br /><br />एक शानदार कहानी, शुरू से आखिर तक बांधे रखा...Astrologer Sidharthhttps://www.blogger.com/profile/04635473785714312107noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-11880398297752016372012-06-29T00:27:58.149+05:302012-06-29T00:27:58.149+05:30बै! महाराज... एतना लम्बा लम्बा लिखेंगे त के पढ़ी?बै! महाराज... एतना लम्बा लम्बा लिखेंगे त के पढ़ी?डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-87851361060400623122012-06-28T09:35:13.297+05:302012-06-28T09:35:13.297+05:30सच है, व्यक्तित्वों के बारे में तो और भी। जितना पु...सच है, व्यक्तित्वों के बारे में तो और भी। जितना पुराना होता जाता है, जितना अधिक जाना जाता है उसे, उतना ही नया लगने लगता है वह।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com