tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post4342728488640001914..comments2023-10-30T15:17:40.771+05:30Comments on एक आलसी का चिठ्ठा ...so writes a lazy man: तिब्बत : चीखते अक्षर (2)गिरिजेश राव, Girijesh Raohttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-46774843534571688062011-06-19T23:29:20.026+05:302011-06-19T23:29:20.026+05:30जापान की बात तो समझ में आती है पर चीन को भी लोह अय...जापान की बात तो समझ में आती है पर चीन को भी लोह अयस्क देना भारत की किस विवशता का परिणाम है ..पता नहीं . <br />अरुणांचल प्रदेश खतरे में है .....निस्संदेह उसका अस्तित्व असुरक्षित है....और हमारी सरकार कहती है कि खतरे की कोई बात नहीं है. बृहत्तर भारत का स्वप्न तो दूर ....अभी जितना हाथ में है वह भी बचा रह सकेगा ...कुछ निश्चित नहीं. भारत की बिकाऊ सरकार और उसके सांसदों को वोट देने वाले मतदाता ..... नहीं-नहीं मैं भर्त्सना नहीं करूंगा उनकी .....वन्दना के पात्र हैं ये सब. जिस दिन अरुणांचल भी तिब्बत हो जाएगा उस दिन ........हाथ मलने के अतिरिक्त और कुछ नहीं बचेगा हमारे पास ........और उसके कारण होंगे यही वन्दनीय पात्र. <br />राजा जब भ्रष्ट हो जाय तो प्रजा और राज्य की सीमाएं .....सभी कुछ असुरक्षित हो जाते हैं. ड्रेगन के आतंक से बचने का कोई उपाय खोजना होगा भारतीय जनता को ...सरकार तो अपने अस्तित्व की रक्षा में ही चिंतित है...उससे क्या आशा की जाय ? गिरिजेश जी ने उस ज्वलंत विषय को उठाया है जिसके लिए सरकार को चिंतित होना और आवश्यक कदम उठाना चाहिए था.बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-48296049955193574982011-05-14T17:33:27.113+05:302011-05-14T17:33:27.113+05:30चीन ने शायद ठेका लिया हुआ है - सब तरफ से अपना घर भ...चीन ने शायद ठेका लिया हुआ है - सब तरफ से अपना घर भरने में लगे हैं !! वैसे - हम लोग जहाँ रहते हैं - यहाँ से खनन कर कर के खूब आयरन ओर चीन जा रहा है - लोग कहते हैं कि कुछ सालों के बाद यहाँ की पूरी पहाड़ियां चीन पहुँच कर इमारतों या कारों में बदल जाएँगी - और शायद वे कारें भारत ही में बेचीं जायें!! वैसे - भारत एक ब्रिटिश "कोलोनी" था - अर्थात वाह जगह जहाँ से सस्ता "कच्चा माल" (raw material) खरीदा जाये और फिर महंगा "तैयार माल" (finished goods) बेचे जायें ... तो क्या हम फिर से एक कोलोनी बनते जा रहे है? - sell iron ore - and buy finished steel from china? इस mining पर एक लेख मैंने अपने हिंदी ब्लॉग पर पोस्ट किया है - आज ही ...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-9365862581952240462011-05-14T16:07:43.595+05:302011-05-14T16:07:43.595+05:30बहुत शानदार एवं खोजपूर्ण लेख|धन्यवाद|बहुत शानदार एवं खोजपूर्ण लेख|धन्यवाद|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-62642436787935879672011-05-14T11:56:45.363+05:302011-05-14T11:56:45.363+05:30काफ़ी जानकारी मिली इस शोधपूर्ण आलेख से।काफ़ी जानकारी मिली इस शोधपूर्ण आलेख से।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-74605764868719224562011-05-14T11:27:07.192+05:302011-05-14T11:27:07.192+05:30बहुत शानदार एवं खोजपूर्ण लेख । असली माल आज कल ब्लॉ...बहुत शानदार एवं खोजपूर्ण लेख । असली माल आज कल ब्लॉग्स पर ही मिलता है समाचार पत्रो में केवल मंहगी कारो के विज्ञापन छपते है ।Deepeshhttps://www.blogger.com/profile/00459254386019790484noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-71035092048665656532011-05-14T09:59:43.686+05:302011-05-14T09:59:43.686+05:30शक्तिशाली जो कहे वही सिद्धान्त बन जाता है, जब सिद्...शक्तिशाली जो कहे वही सिद्धान्त बन जाता है, जब सिद्धान्त को शक्ति मिले तब भला होगा।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-9747676173394106482011-05-14T00:04:32.971+05:302011-05-14T00:04:32.971+05:30PS: गाने वाली भी गाँव की गोरी लग रही है, मुझे तो ल...PS: गाने वाली भी गाँव की गोरी लग रही है, मुझे तो लगता है जैसे पहली नज़र में ही इससे प्यार हो गया है | फिर आवाज़ तो मीठी लगनी लाज़मी है ही |योगेन्द्र सिंह शेखावतhttps://www.blogger.com/profile/02322475767154532539noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-8272342635824930852011-05-14T00:03:21.216+05:302011-05-14T00:03:21.216+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.योगेन्द्र सिंह शेखावतhttps://www.blogger.com/profile/02322475767154532539noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-3273752646657237572011-05-13T23:59:52.288+05:302011-05-13T23:59:52.288+05:30बजी बहुत जोर से घंटी बजी | बढ़िया माल निकाल कर लाय...बजी बहुत जोर से घंटी बजी | बढ़िया माल निकाल कर लाये |<br />ये सीरीज भी कमाल की है, काफी मेहनत कर रहे हैं लगता है इस पर |<br />बहुत ही सुन्दर गीत, पशु-पक्षी प्रकृति ही सबसे शानदार वाद्य यंत्र है ये गाना यही बता रहा है | कितना सुकून देता है ये संगीत |<br /><br />और नक्शा तो "अखंड भारत" का यहाँ भी कईओं ने तैयार कर रखा है बस पावर में आने का इन्तेज़ार कर रहे हैं | ;-)योगेन्द्र सिंह शेखावतhttps://www.blogger.com/profile/02322475767154532539noreply@blogger.com