tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post5274973105628818174..comments2023-10-30T15:17:40.771+05:30Comments on एक आलसी का चिठ्ठा ...so writes a lazy man: बाऊ और नेबुआ के झाँखी - 29गिरिजेश राव, Girijesh Raohttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-83272893172971686732015-10-03T19:17:11.676+05:302015-10-03T19:17:11.676+05:30आदरणीय गिरजेश राव जी - सादर सप्रेम हरी स्मरण
आपकी ...आदरणीय गिरजेश राव जी - सादर सप्रेम हरी स्मरण<br />आपकी अप्रतिम लेखन शैली में रेणु जी की झलक मिलने के कारण मुझे बहुत पसंद रही है . किन्तु बिलम्ब काफी अखरता है . अतः प्रार्थना यही है कि कृपया नियमितता बनाये रखे.<br />सादर एवं सप्रेम आपका – डॉ गोविन्द पाण्डेय<br />डॉ गोविन्द पाण्डेयnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-27417370050313763512015-09-25T13:28:48.422+05:302015-09-25T13:28:48.422+05:30आदरणीय गिरजेश राव जी ,सादर सप्रेम हरी स्मरण ,
आपक...आदरणीय गिरजेश राव जी ,सादर सप्रेम हरी स्मरण ,<br />आपकी इस रचना को हम बहुत सराहे किन्तु आपकी लेखन कि गति अत्यंत धीमी होने के कारण हम आपके आलसीपन की घनघोर निंदा करते है एवं आपके site पर आना बंद ही कर दिए .अधूरी रचना लिख कर पाठक के मन में उत्सुकता जगा कर आप कुम्भकर्णी नींद में सो जाते है -यह एक अपराध है .रेणु जी के बाद उनकी शैली की एक झलक आप की इस रचना में मिलती थी एवं इसी कारण हम पाठको को पसंद भी थी .किन्तु अत्यधिक विलम्ब के कारण अब हम आपको कतई पसंद नही करते एवं न ही आपके site पर आते है .<br />सादर व सप्रेम.- डॉ गोविन्द पाण्डेय Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-24859060406204651802015-09-25T13:01:02.247+05:302015-09-25T13:01:02.247+05:30गई आज की छुट्टी भी।गई आज की छुट्टी भी।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-67976778170474233652015-09-22T13:29:03.340+05:302015-09-22T13:29:03.340+05:30खुद को रोक कैसे पाते हैं आप?खुद को रोक कैसे पाते हैं आप?लक्कीnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-6691969022665262452015-09-21T21:22:29.277+05:302015-09-21T21:22:29.277+05:30Bahut Lamba intezar karna pada is baar .katha to ...Bahut Lamba intezar karna pada is baar .katha to Sundar hai hi.----- Bau Ka deewana.Anonymousnoreply@blogger.com