tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post5802752029480507420..comments2023-10-30T15:17:40.771+05:30Comments on एक आलसी का चिठ्ठा ...so writes a lazy man: पहली सफेदी गिरिजेश राव, Girijesh Raohttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-75645904934478387952014-09-24T00:08:41.371+05:302014-09-24T00:08:41.371+05:30वार्धक्य की ओर बढ़ता एक शानदार चित्र ध्यान में आ ग...वार्धक्य की ओर बढ़ता एक शानदार चित्र ध्यान में आ गया - परिणति क्षीणकाया में हो तो हो( परिपूर्ण जीवन-भोग के बाद वह भी स्वीकार्य) .बेटी से पूछो तो कहेगी - वाह पापा ,अब तो और अधिक प्रभावशाली लग रहे हैं !<br />प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-46131679558777042652014-09-22T19:42:36.618+05:302014-09-22T19:42:36.618+05:30दो पीढियों की सन्धि की खूँटी पर टँगा वह कुर्ता इन ...दो पीढियों की सन्धि की खूँटी पर टँगा वह कुर्ता इन साढे तीन लाईनों में कितना कुछ कह गया. चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-29727001223346020442014-09-17T22:09:23.611+05:302014-09-17T22:09:23.611+05:30बधाई ।बधाई ।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com