tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post5865583544536467826..comments2023-10-30T15:17:40.771+05:30Comments on एक आलसी का चिठ्ठा ...so writes a lazy man: बाउ, क़ुरबानी मियाँ और दशहरा : पूर्वपीठिका का अंतगिरिजेश राव, Girijesh Raohttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-54034878951029151722009-09-26T16:06:09.833+05:302009-09-26T16:06:09.833+05:30हमारे इंटरनेट का भी अपना एक अजीब सा राग है । आज ठी...हमारे इंटरनेट का भी अपना एक अजीब सा राग है । आज ठीक हुआ है । <br /><br />प्रविष्टि ने मन को छटपटा दिया है । अदभुत सृष्टि की यह सोपान परंपरा किस शिखर से अवसित होगी ? अभी तो अदभुत प्रभाव का पूर्वाभास ही प्रत्यक्ष हो रहा है । <br /><br />शेष की प्रतीक्षा ...Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-58811164427439073412009-09-22T20:29:58.768+05:302009-09-22T20:29:58.768+05:30अपने गाँव का इतना पुराना और लोमहर्षक इतिहास अन्तर्...अपने गाँव का इतना पुराना और लोमहर्षक इतिहास अन्तर्जाल पर सुरक्षित करके आपने बहुत अच्छा किया। आपकी लेखकीय प्रतिभा के सभी कायल हो चुके हैं। किस्सागोई कमाल की है। इसे यूँ ही जारी रखिए।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-14991475879647522382009-09-22T18:37:09.196+05:302009-09-22T18:37:09.196+05:30बस लिखते रहिये.... हम मंत्रमुग्ध हो पढ़ते जा रहे ह...बस लिखते रहिये.... हम मंत्रमुग्ध हो पढ़ते जा रहे हैं !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-78332781812959911892009-09-22T17:37:35.465+05:302009-09-22T17:37:35.465+05:30कलम तोड़ रचना ।
और क्या कहूं...
इन्तजार रहेगा ..।
...कलम तोड़ रचना ।<br />और क्या कहूं...<br />इन्तजार रहेगा ..।<br /> आभार ।हेमन्त कुमारhttps://www.blogger.com/profile/01073521507300690135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-41719190407996673712009-09-22T14:23:40.509+05:302009-09-22T14:23:40.509+05:30अगहरी जैसे कितने गाँव इन ललमुहों के अत्याचारों ने ...अगहरी जैसे कितने गाँव इन ललमुहों के अत्याचारों ने उजाड दिये और फिर नहीं बसे. लेकिन ये भी कि हम सब तो यायावर ही रहे हैं. रानी लक्ष्मीबाई भी तो झांसी की न थीं. मराठा परिवार, वाराणसी में जन्म, बिठुर में बचपन.... और बिठुर के पेशवा, उनको भी तो नियति ( या ललमुहों )ने निर्वासित कर दिया था. <br />क्या अगहरी के अवशेष है? या केवल उनकी स्मृति है?पंकज http://epankajsharma.blogspot.com/http://epankajsharma.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-64764343515802089212009-09-22T12:45:47.973+05:302009-09-22T12:45:47.973+05:30वाह! अकेक्जेन्द्र ड्यूमा को पढ़ रहे हैं या वृन्दावन...वाह! अकेक्जेन्द्र ड्यूमा को पढ़ रहे हैं या वृन्दावनलाल वर्मा को! <br />राव जी, जरा अपनी कलम पार्सल करना!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-86178216380516684332009-09-22T04:06:34.956+05:302009-09-22T04:06:34.956+05:30ऐतिहासिक वृत्तांत न सिर्फ दिलचस्प है बल्कि आपकी रच...ऐतिहासिक वृत्तांत न सिर्फ दिलचस्प है बल्कि आपकी रचनात्मक प्रतिभा का एक ओर आयाम खोल रहा है। पिछली कड़ियां नहीं देख पाया था। ज़रूर देखता हूं।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-80641941826192019622009-09-22T02:28:14.096+05:302009-09-22T02:28:14.096+05:30जय मातादी ...
जाको राखी साइंया....
ग्राम बस गया ....जय मातादी ... <br />जाको राखी साइंया....<br />ग्राम बस गया ..<br />फिर , वंश चल पडा ..<br />ना जाने कितने ऐसे बलिदान <br />भारत माँ के लिए हुए होंगें ..<br />और माँ भवानी का खप्पर<br /> लाल हुआ होगा ---<br />इस इतिहास को,<br /> क्या , <br /> मौखिक परम्परा से<br /> सजीवन रखा गया होगा ? <br />अगली कड़ी का इंतज़ार रहेगा - <br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-4090550497170701392009-09-22T01:55:04.585+05:302009-09-22T01:55:04.585+05:30इतिहास की इस कडी के लिए धन्यवाद! जारी रखो भाई|इतिहास की इस कडी के लिए धन्यवाद! जारी रखो भाई|Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-80873266931338326332009-09-22T01:31:48.668+05:302009-09-22T01:31:48.668+05:30जारी रहिये..अद्भुत वृतांत. आनन्द आ रहा है.जारी रहिये..अद्भुत वृतांत. आनन्द आ रहा है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-64327269676186993152009-09-21T20:53:09.542+05:302009-09-21T20:53:09.542+05:30बहुत ही बढिया .............. ! उम्मीद रहेगी कि तार...बहुत ही बढिया .............. ! उम्मीद रहेगी कि तारतम्यता बनी रहेगी..........पिछ्ले दिनों के आलस्य(व्यस्तता का बहाना नहीं चलेगा!) का हर्जाना इस कहानी को जल्दी पूरा करके भरना पडेगा.......गंगेश रावhttps://www.blogger.com/profile/10791109109633152718noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-29271759501209174282009-09-21T19:04:21.522+05:302009-09-21T19:04:21.522+05:30कितनी मार्मिक कहानी है. पिछ्ले दिनों नाना साहब की ...कितनी मार्मिक कहानी है. पिछ्ले दिनों नाना साहब की बेटी मैना देवी की कहानी पढी थी. इस कहानी से वह बिल्कुल आंखों के सामने आ गई. <br /><br />आगे की कहानी की प्रतीक्षा रहेगी.Sambhavhttps://www.blogger.com/profile/00180989414029807670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-12260012018629035592009-09-21T17:10:47.241+05:302009-09-21T17:10:47.241+05:30अद्भुत -यह वृत्तांत तो एक साथ ही कई 'बोध' ...अद्भुत -यह वृत्तांत तो एक साथ ही कई 'बोध' करा रहा है -इतिहास बोध से दीगर भी !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com