tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post7876823438933750432..comments2023-10-30T15:17:40.771+05:30Comments on एक आलसी का चिठ्ठा ...so writes a lazy man: तिब्बत - चीखते अक्षर (15)गिरिजेश राव, Girijesh Raohttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-12856400704319172852014-08-15T00:54:38.311+05:302014-08-15T00:54:38.311+05:30जुनून में पूरा पढ़ तो गया हूँ पर अब आँखों से नींद ...जुनून में पूरा पढ़ तो गया हूँ पर अब आँखों से नींद गायब है। आपको प्रणाम...साधुवाद। आश्चर्य है कि माओ को गरियाने में लोग लिहाज किया करते हैं...सौ हिटलर कम पङ जाता ऐसी क्रूरता का होङ करने में। मानवता अपने खात्मे तक माओ&चमचों पर शर्मिन्दा रहेगी।subhashhttps://www.blogger.com/profile/16148441538513339745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-53857158552346863932011-07-31T09:33:09.470+05:302011-07-31T09:33:09.470+05:30आदरणीय गिरिजेश जी, इस लेख को लिखने के लिए आपको प्र...आदरणीय गिरिजेश जी, इस लेख को लिखने के लिए आपको प्रणाम | पता नहीं , आप लिख कैसे पाए ? आपको फिर से प्रणाम |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-6220792870978078062011-07-28T22:18:19.497+05:302011-07-28T22:18:19.497+05:30माओत्से तुंग के समय से चीनी इतिहास बर्बरता का पर्य...माओत्से तुंग के समय से चीनी इतिहास बर्बरता का पर्याय रहा है. चीनी क्रूरता के उदाहरण अन्यत्र मिल पाना दुर्लभ है ......<br />भारत को तिब्बत के मामले में एक स्पष्ट और सहयोगी नीति बनानी चाहिए थी. दुर्भाग्य से भारत ऐसा नहीं कर सका .....और यह स्थिति भारत के लिए कभी भी अशुभ का कारण बन सकती है .बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-75209145816457696562011-07-28T21:37:57.343+05:302011-07-28T21:37:57.343+05:30रोंगटे खड़ा करने वाला तथ्य.रोंगटे खड़ा करने वाला तथ्य.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-85737362935470438202011-07-28T12:16:14.312+05:302011-07-28T12:16:14.312+05:30जब दुनिया का इतिहास उठा कर देखा जाएगा तो ..... सबस...जब दुनिया का इतिहास उठा कर देखा जाएगा तो ..... सबसे ज्यादा स्याह पन्ने चीन की कुटिल चालों के मिलेंगे.... और तिब्बतियों पर किये अत्याचार के लाल अक्षर...... बिना पढ़े ही कहानी कहेंगे.दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-72856319156946619212011-07-28T09:23:59.183+05:302011-07-28T09:23:59.183+05:30राजकीय निर्दयता का दुखद इतिहास।राजकीय निर्दयता का दुखद इतिहास।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com