tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post8922433188440981940..comments2023-10-30T15:17:40.771+05:30Comments on एक आलसी का चिठ्ठा ...so writes a lazy man: गिरिजेश राव, Girijesh Raohttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-89212876707016077522012-06-15T07:55:48.537+05:302012-06-15T07:55:48.537+05:30हम प्रतीक्षा कर रहे हैं उस भावानुवाद की!हम प्रतीक्षा कर रहे हैं उस भावानुवाद की!Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-89578835773429856252012-06-15T07:27:44.858+05:302012-06-15T07:27:44.858+05:30काले पृष्ठों पर उजली सियाही खूब चलेगी।:)काले पृष्ठों पर उजली सियाही खूब चलेगी।:)देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-87846098535024457082012-06-14T23:54:43.638+05:302012-06-14T23:54:43.638+05:30रुके इसलिये हैं कि तोरू की विलक्षण कविता के अनुवाद...रुके इसलिये हैं कि तोरू की विलक्षण कविता के अनुवाद का आनन्द बाँट कर आगे चलें। एक अद्बुत प्रतिभाशाली युवा भावानुवाद कर रहे हैं।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-61109875896963554732012-06-14T23:45:08.708+05:302012-06-14T23:45:08.708+05:30आप साथ हैं तो क्या गड़बड़ हो सकता है? गुरुओं की छा...आप साथ हैं तो क्या गड़बड़ हो सकता है? गुरुओं की छाँव तो वही होती है - चन्दन तरु हरि संत समीरा :) <br />यात्रा जारी है, रहेगी। बस यायावर रुक रुक तसल्ली के साथ देखता दिखाता चलेगा।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-29948979807376999492012-06-14T23:31:10.629+05:302012-06-14T23:31:10.629+05:30क्या हुआ? कोणार्क सूर्य-मंदिर की यात्रा जारी रखिए।...क्या हुआ? कोणार्क सूर्य-मंदिर की यात्रा जारी रखिए। अंधेरा भाग जाएगा।राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttps://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-39706854776297155352012-06-14T23:22:48.261+05:302012-06-14T23:22:48.261+05:30ताजा घटनाक्रम पर शुभेच्छुओं की बेचैनी समझ रहा हूँ ...ताजा घटनाक्रम पर शुभेच्छुओं की बेचैनी समझ रहा हूँ कि मुझे कुछ करना चाहिये। मुझे इससे बेहतर कुछ नहीं सूझा :)गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.com