tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post1275962008740521378..comments2023-10-30T15:17:40.771+05:30Comments on एक आलसी का चिठ्ठा ...so writes a lazy man: श्रापगिरिजेश राव, Girijesh Raohttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-74504015071620484582011-09-09T20:13:00.245+05:302011-09-09T20:13:00.245+05:30very touching
speechless ...very touching<br />speechless ...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-17992736094201153692011-09-09T18:03:16.318+05:302011-09-09T18:03:16.318+05:30आँखें भर आयीं...और सचमुच मन में सन्नाटा पसर गया......आँखें भर आयीं...और सचमुच मन में सन्नाटा पसर गया....रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-8646087429163469102011-09-08T08:18:21.491+05:302011-09-08T08:18:21.491+05:30छोटी पर बांधकर रखने वाली कथा। कोई फ़िल्मी डायलॉग य...छोटी पर बांधकर रखने वाली कथा। कोई फ़िल्मी डायलॉग याद आ गया ज़िन्दगी लम्बी नहीं बडी/भरपूर होनी चाहिये। एक ग़ैर-फ़िल्मी कथन ने भी छलांग लगाई - किये के अफ़सोस से ज़्यादा न किये का अफ़सोस होता है। भारतीय परिवेश में सुधाकर से और क्या एक्सपेक्ट करते हैं आप?और बेचारे केयरटेकर से? गरीबी से बडा पाप क्या है? वाक्वीर को बन्धन नहीं होता पर मेरी बात अलग है। पहाडी मराठी (घाटी) तो फिर भी हो सकता है मगर यूपी वाला कैसे होगा? अब तो उत्तराखण्ड अलग है।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-46690238697508378072011-09-07T22:55:44.272+05:302011-09-07T22:55:44.272+05:30आत्मकथा ना हो ना सही, आत्मकथात्मक कथा तो है, ;) वृ...आत्मकथा ना हो ना सही, आत्मकथात्मक कथा तो है, ;) वृश्चिक राशि जन्मे को डर भी लगता है?? शायद... अपनी पशुता खोने का डर किसको नही लगता है...<br /><br />रेल सही में सुरक्षित है? आप शायद यूरो रेल की बात कर रहें हैं, भारतीय रेल की नहीं. :)))Lalithttps://www.blogger.com/profile/07381473297376142200noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-73864115580495479092011-09-07T21:46:22.822+05:302011-09-07T21:46:22.822+05:30मन की अवस्था जैसी लगने लगती है सारी व्यवस्था।मन की अवस्था जैसी लगने लगती है सारी व्यवस्था।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-40785536206633161942011-09-07T19:36:00.099+05:302011-09-07T19:36:00.099+05:30"ध्रुवतारा हमेशा आँख की किरकिरी बन जाता है। क..."ध्रुवतारा हमेशा आँख की किरकिरी बन जाता है। कुछ भी थिर नहीं रहा। बस कसक बाकी रह गई, सनातन आँसुओं से धुली कसक..".<br /><br />आज रात ध्रुव तारे को दिखाने का विशेष अभियान है अर्थ स्काई पर ..जाईये.. <br />और केयर टेकर का काम न करके अच्छा नहीं किया गया ..<br />यह किसी अपनी कमी के चलते या नैतिक दुर्बलता के तहत हुआ होगा होगा न ?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-68657432225018640052011-09-07T18:50:44.142+05:302011-09-07T18:50:44.142+05:30@यह किसी की भी आत्मकथा नहीं है - न जीवित की और न म...@यह किसी की भी आत्मकथा नहीं है - न जीवित की और न मृत की।<br /><br />कहीं न कहीं अवचेतन मन को कुछ कमी खटक रही है..... उसी उधेड़बुन में शब्दों को पिरो लाये आप. धागा भावों से परिपूर्ण ताकि शब्द गुथे रहे..... <br /><br />पता नहीं क्यों मुझे आज मनु-उर्मी की याद आ रही थी, और दिन के अंत में ये पोस्ट.दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-75329418601439413102011-09-07T16:25:52.631+05:302011-09-07T16:25:52.631+05:30पर किसी का तो अनुभव है या किसी अनुभव से जन्मी हैपर किसी का तो अनुभव है या किसी अनुभव से जन्मी हैsonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-50700035993007801382011-09-07T15:30:53.255+05:302011-09-07T15:30:53.255+05:30यह किसी की भी आत्मकथा नहीं है - न जीवित की और न मृ...यह किसी की भी आत्मकथा नहीं है - न जीवित की और न मृत की।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.com