tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post261991152403503287..comments2023-10-30T15:17:40.771+05:30Comments on एक आलसी का चिठ्ठा ...so writes a lazy man: हिन्दी ब्लॉगरी की दशकोत्सव यात्रा - 4गिरिजेश राव, Girijesh Raohttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-43641001337552721542013-02-22T17:30:06.610+05:302013-02-22T17:30:06.610+05:30ब्लॉग व फ़ेसबुक का तालमेल भी कमाल का है।ब्लॉग व फ़ेसबुक का तालमेल भी कमाल का है।SANDEEP PANWARhttps://www.blogger.com/profile/06123246062111427832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-52276617432188304952013-02-21T07:12:39.797+05:302013-02-21T07:12:39.797+05:30शुक्रिया गिरिजेश जी.
इस महत्वपूर्ण काम के लिए साध...शुक्रिया गिरिजेश जी.<br /><br />इस महत्वपूर्ण काम के लिए साधुवाद.शुभकामनाएं.<br />sanjay vyashttps://www.blogger.com/profile/12907579198332052765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-14186262011988687552013-02-20T13:58:50.246+05:302013-02-20T13:58:50.246+05:30एक श्रेणी ’हुआ हुआ - न हुआ न हुआ’ वाली भी हो सकती ...एक श्रेणी ’हुआ हुआ - न हुआ न हुआ’ वाली भी हो सकती हैं, फ़ेसबुक पर हम उसी श्रेणी में हैं।<br />इस बहाने से कई ब्लॉग्स पर जाना होगा, ये फ़ेसबुक की और फ़ेसबुक के सार्थक उपयोग की परिणति है। ऐसे प्रयोग चलते रहें।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-23742346068278818842013-02-20T07:54:16.890+05:302013-02-20T07:54:16.890+05:30नया और नया-नया परिचय मिला.नया और नया-नया परिचय मिला.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-51696930764072141612013-02-20T00:34:54.323+05:302013-02-20T00:34:54.323+05:30एक बढ़िया एग्रीगेटर की सख्त जरुरत है एक बढ़िया एग्रीगेटर की सख्त जरुरत है roushanhttps://www.blogger.com/profile/18259460415716394368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-40026477736415267112013-02-19T23:35:38.490+05:302013-02-19T23:35:38.490+05:30अभिव्यक्ति के हर माध्यम के अपने मायने हैं | ब्लॉग्...अभिव्यक्ति के हर माध्यम के अपने मायने हैं | ब्लॉग्गिंग ने कहीं गहरी छाप छोड़ी है | डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-43697733379944518172013-02-19T23:09:09.744+05:302013-02-19T23:09:09.744+05:30Blog-B & W television -असहमत.Blog-B & W television -असहमत.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-86994033995660581802013-02-19T22:45:54.241+05:302013-02-19T22:45:54.241+05:30अब आप होलियाने का मौसम बना रहे हैं,
कुछ अगुवा फ़ग...अब आप होलियाने का मौसम बना रहे हैं, <br />कुछ अगुवा फ़गुवा चालु कीजिए तो रंग भी जमें। :)ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-19639210856133467782013-02-19T20:15:47.224+05:302013-02-19T20:15:47.224+05:30blog=black and white television
facebook=colour te...blog=black and white television<br />facebook=colour television<br />twitter=led,lcd,smart televisin,<br /><br />samay ke saath saath bahut kuch badalta hai bas ek islaam ka kuch nahi badalta ...<br /><br />jai baba banaras.....Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07499570337873604719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-24504934426790449532013-02-19T19:13:28.336+05:302013-02-19T19:13:28.336+05:30चलिये चलते जाईये ...
@ आराधना -नये ब्लॉगों के बारे...चलिये चलते जाईये ...<br />@ आराधना -नये ब्लॉगों के बारे में अब तक ये अनुभव रहा है कि नये ब्लॉगों पर सुधारकार्य करवा कर प्रस्तुत करते रहने से नये अच्छा लिखने लगते हैं ...हम भी नये थे ...अब भी नये हैं ...Archana Chaojihttps://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-38919006984812063282013-02-19T19:11:29.481+05:302013-02-19T19:11:29.481+05:30हम भारत की ’देर-सबेर’ की बाट जोह रहे हैं..जब हर पढ़...हम भारत की ’देर-सबेर’ की बाट जोह रहे हैं..जब हर पढ़ा-लिखा अपने को अभिव्यक्त करने को उद्यत हो!<br />फेसबुक के सामने ब्लॉग को हमेशा बीस ही मानता हूँ...इतनी तीव्रता ठिठका देती है मुझे! Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-62312730078134240902013-02-19T18:15:58.769+05:302013-02-19T18:15:58.769+05:30जय हो महाराज ... हम फेसबुक पर नज़रें टिकाये बैठे रह...जय हो महाराज ... हम फेसबुक पर नज़रें टिकाये बैठे रहे ... आप यहाँ आ गए सरे राह चलते चलते ... चलिये कोई न ... यह यात्रा चलती रहे यही दुआ है !<br /><br />आज की ब्लॉग बुलेटिन <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2013/02/blog-post_19.html" rel="nofollow"> १९ फरवरी, २ महान हस्तियाँ और कुछ ब्लॉग पोस्टें - ब्लॉग बुलेटिन </a> मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-30327963077332816582013-02-19T17:53:34.732+05:302013-02-19T17:53:34.732+05:30लंबे अरसे से फेसबुक पर नहीं हूँ[जाने की फिलहाल इच्...लंबे अरसे से फेसबुक पर नहीं हूँ[जाने की फिलहाल इच्छा भी नहीं है] इसलिए ब्लोगरी[व अन्य]हलचल का कुछ मालूम ही नहीं चलता.<br />अपने आप को इस 'आभासी दुनिया'से कटा मानती हूँ इसलिए आज खुद को यहाँ पाकर बहुत आश्चर्य हुआ और अच्छा भी लगा,बहुत-बहुत आभार.<br /><br />**ब्लॉग पर कॉपी -पेस्ट हाल ही में डिसेबल किया है[मजबूरन करना पड़ा].<br />..<br />फेसबुक हो या ट्विटर ,ब्लॉग्गिंग का महत्व अपनी जगह रहेगा.बल्कि आज लोग पहले से बेहतर समझ रहे हैं.<br />यू.के.की एक यूनिवर्सिटी जहाँ मेरी बेटी पढ़ती है वहाँ उनकी क्लास में इस साल से हर छात्र को अपना ब्लॉग बनाना आवश्यक कर दिया गया है और उस पर उन्हें ग्रेड भी दिए जाते हैं.<br />भारत में भी देर-सबेर ऐसा होगा .<br /> <br /><br />Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-88486717649629803302013-02-19T16:06:26.995+05:302013-02-19T16:06:26.995+05:30बकबक : बकाबक
वाह वाह क्या बात...
आचार्य जी, तुसी...बकबक : बकाबक <br />वाह वाह क्या बात...<br /><br />आचार्य जी, तुसी सानु खुश कर दिता <br /><br />दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-18420814455854943712013-02-19T14:07:16.405+05:302013-02-19T14:07:16.405+05:30aacharya ki jai ho.........
jari rahe
pranam....aacharya ki jai ho.........<br /><br /><br />jari rahe<br /><br /><br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-2908916815585654562013-02-19T12:08:44.585+05:302013-02-19T12:08:44.585+05:30बाबा, हमने एक और बात सोची थी कि एकदम नए और पिछले ए...बाबा, हमने एक और बात सोची थी कि एकदम नए और पिछले एक साल से नियमित लिख रहे ब्लॉगों के बारे में भी लिखा जाय. जब तक चिट्ठाजगत और ब्लॉगवाणी था, तब तक हम नियमित नए सम्मिलित हुए ब्लॉगों के बारे में जान जाते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं है. नए एग्रीगेटर भी सफल नहीं हैं. मेरे विचार से जिस भी पुराने ब्लॉगर के पास समय हो, वो कम से कम एक नए ब्लॉग के बारे में अपने ब्लॉग पर लिखे. इससे उस ब्लॉग से जुड़े और लोगों को भी नए ब्लॉग के बारे में पता चल जाएगा. <br />किसी एक को ये कार्य नहीं सौंपा जा सकता क्योंकि नया अच्छा ब्लॉग ढूँढ़ पाना कठिन काम है और कोई एक व्यक्ति नहीं कर सकता.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-82303031424248457132013-02-19T11:47:36.349+05:302013-02-19T11:47:36.349+05:30बहुत ही सार्थक जानकारी.बहुत ही सार्थक जानकारी.Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-68421440198937730102013-02-19T11:43:44.702+05:302013-02-19T11:43:44.702+05:30समय के कई रूप हैं, पल, पहर, दिन, माह आदि। प्रकृति ...समय के कई रूप हैं, पल, पहर, दिन, माह आदि। प्रकृति भी स्वयं को व्यक्त करने में भिन्न कालखण्ड लेती है, बुलबुलों से लेकर भूकम्पन तक। सारे प्रकार बने रहेंगे, अपनी अपनी प्रकृति के अनुसार लोग स्थान बदलते रहेंगे।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com