tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post5343177476349320309..comments2023-10-30T15:17:40.771+05:30Comments on एक आलसी का चिठ्ठा ...so writes a lazy man: लंठ महाचर्चा : बाउ और नेबुआ के झाँखी - 1गिरिजेश राव, Girijesh Raohttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-26228755219019110242011-04-21T17:53:33.109+05:302011-04-21T17:53:33.109+05:30भाग १३ पढ़ते पढ़ते लगा कुछ भूल रहा हूँ, कुछ आनंद न...भाग १३ पढ़ते पढ़ते लगा कुछ भूल रहा हूँ, कुछ आनंद नहीं आया....... अत: दुबारा से ...दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-31025765606920074162010-12-12T10:38:29.385+05:302010-12-12T10:38:29.385+05:30यह तो पढ़ा ही नहीं था ! अद्भुत!यह तो पढ़ा ही नहीं था ! अद्भुत!देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-73074512531411587972010-12-05T21:28:38.683+05:302010-12-05T21:28:38.683+05:30नियोग की देसी बिधि से आगे बढ़ते हैं , अगले हिस्से ...नियोग की देसी बिधि से आगे बढ़ते हैं , अगले हिस्से पर ...Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-35082580381062438902010-12-03T17:14:47.819+05:302010-12-03T17:14:47.819+05:30लंठ महाचर्चा - आज पढनी आरम्भ की है. देशज शब्दों की...लंठ महाचर्चा - आज पढनी आरम्भ की है. देशज शब्दों की भरमार कई बार खीज पैदा करती है और कई बार अतेरिक्त मज़ा दे रही है.... आशा करता हूँ - पूर्णत दुबकी लगाऊंगा.दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-12203725922309226322010-06-26T10:29:13.655+05:302010-06-26T10:29:13.655+05:30.
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अद्भुत, उम्दा, सुन्दर...
और क्या कहूँ... तार....<br />.<br />.<br />अद्भुत, उम्दा, सुन्दर...<br />और क्या कहूँ... तारीफ के लिये शब्द तक नहीं हैं मेरे पास...<br /><br />आभार!<br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-21127859361603969342010-06-24T21:49:13.786+05:302010-06-24T21:49:13.786+05:30बाऊ श्रृंखला की हर पोस्ट अपने आप में इतनी पूर्ण हो...बाऊ श्रृंखला की हर पोस्ट अपने आप में इतनी पूर्ण होती है कि कुछ कहने को बचता ही नहीं.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-83043246655018776452010-06-13T19:36:24.974+05:302010-06-13T19:36:24.974+05:30अद्भूत लेखन,एकदम लीन हो तंन्द्रा मे गोते लगाते हुए...अद्भूत लेखन,एकदम लीन हो तंन्द्रा मे गोते लगाते हुए इसे पढा , - सतीश पंचमAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-72217334402956339242010-06-13T06:50:26.638+05:302010-06-13T06:50:26.638+05:30अद्भुत से ज्यादा लिखने के लिए अनकहे शब्दों की दरका...अद्भुत से ज्यादा लिखने के लिए अनकहे शब्दों की दरकार है ....!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-3113941648134160772010-06-12T08:12:31.357+05:302010-06-12T08:12:31.357+05:30गिरिजेश सर, सप्ताह भर बाद लौटा था कल और आते ही आपक...गिरिजेश सर, सप्ताह भर बाद लौटा था कल और आते ही आपकी बाऊ पोस्ट पर नजर पढ़ गई। हमारे जाने पर ही लिखनी है हमारी फ़ेवरेट चीज तो फ़िर चले जाते हैं,ये कौन सी बड़ी बात है।<br />असली टिप्पणी हम भी बाद में करेंगे।<br />अभी तो खुशी जाहिर करने आये हैं कि इतने दिनों के बाद बाऊ की तरफ़ ध्यान गया।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-29296538119905932472010-06-11T17:15:57.010+05:302010-06-11T17:15:57.010+05:30काकी का यह पुत्र काकी को भले नरक से न तार पाए लेकि...<b>काकी का यह पुत्र काकी को भले नरक से न तार पाए लेकिन चतुर्भुज जैसों को एक इशारे पर नरक में झोंक सकता था। </b><br />ऐसे "बम्मड़" अनजाने ही कितना पुण्य करते रहे हैं!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-17399506909024164392010-06-11T13:42:58.067+05:302010-06-11T13:42:58.067+05:30झूठ नहीं बोलेंगे हमारे लिए यह प्रथम आगमन ही है , इ...झूठ नहीं बोलेंगे हमारे लिए यह प्रथम आगमन ही है , इसलिए पिछली कुछ प्रविष्टियां टटोलेंगे वर्ना बाक़ी टिपेरों की तरह मुस्करा भी नहीं पायेंगे !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-13354817255482754562010-06-11T12:38:51.486+05:302010-06-11T12:38:51.486+05:30शुभ पुनरागमन !
वृक्षारोपण करवाएं और पुष्पंन पल्लव...शुभ पुनरागमन !<br />वृक्षारोपण करवाएं और पुष्पंन पल्लवन का काम करते हुए रचनाकर्म का निर्बाध निर्वाह करें ! तथास्तु !!Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-59510281940262218432010-06-11T08:11:14.821+05:302010-06-11T08:11:14.821+05:30अभी बाऊ के पुनरागमन का स्वागत करने आये हैं. मतलब य...अभी बाऊ के पुनरागमन का स्वागत करने आये हैं. मतलब यह की यह "nice, बहुत अच्छा लिखा है" वाली टिप्पणी है. पढ़कर फिर से करेंगे.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-49132478666109258662010-06-11T06:39:23.257+05:302010-06-11T06:39:23.257+05:30niceniceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-82082682017103451292010-06-11T06:09:08.951+05:302010-06-11T06:09:08.951+05:30अरे वाह ! बाउ का पुनरागमन !
चहक उठा मैं ! मेरी अत...अरे वाह ! बाउ का पुनरागमन ! <br />चहक उठा मैं ! मेरी अतिशय प्रिय प्रविष्टि-श्रृंखला है यह !Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.com