tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post937242886674704015..comments2023-10-30T15:17:40.771+05:30Comments on एक आलसी का चिठ्ठा ...so writes a lazy man: लंठ महाचर्चा : बाउ और परबतिया के माईगिरिजेश राव, Girijesh Raohttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-19232390558711649682010-12-04T17:10:52.502+05:302010-12-04T17:10:52.502+05:30प्रेमचंद और रेनू का ग्रामीण परवेश फिल्म की भांति च...प्रेमचंद और रेनू का ग्रामीण परवेश फिल्म की भांति चल पड़ा है.दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-77870732499811159732009-12-26T22:12:59.419+05:302009-12-26T22:12:59.419+05:30अद्भुत.. एक मिस्टिरियस लैंडस्केप की तरह..
प्रारम्...अद्भुत.. एक मिस्टिरियस लैंडस्केप की तरह..<br /><br />प्रारम्भ रामे राम...२..४..५..७ से करके ‘मउगा मुअल ससुरारी में’ तक आप लिख तो गये, लेकिन कभी सोचा कि इतनी तेज फ्रीक्वेंसी में पोस्ट की अंतर्निहित भावनाएं बदलने का हमारे जैसे कमजोर दिल पाठकों का क्या हश्र होगा..??<br /><br />अभी तक स्तब्ध हूँ..कार्तिकेय मिश्र (Kartikeya Mishra)https://www.blogger.com/profile/03965888144554423390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-86799542995963240162009-07-22T00:00:02.956+05:302009-07-22T00:00:02.956+05:30गिरिजेश भाई,
Zabardust lekhani hai Apki.
badhai.गिरिजेश भाई,<br /><br />Zabardust lekhani hai Apki.<br />badhai.K M Mishrahttp://www.kmmishra.tknoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-33052497241201818012009-07-04T23:45:55.664+05:302009-07-04T23:45:55.664+05:30गिरिजेश भाई,
वाकई में बहुत बढि़या कथा कह रहे हैं आ...गिरिजेश भाई,<br />वाकई में बहुत बढि़या कथा कह रहे हैं आप।<br /><br />कथा के बहाने काफ़ी कुछ और भी अनकहा कह रहे हैं आप।समयhttp://main-samay-hoon.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-12526089962492494992009-07-04T07:00:02.888+05:302009-07-04T07:00:02.888+05:30बेमिसाल, गजब लिखते हैं आप, मान गए आपकोबेमिसाल, गजब लिखते हैं आप, मान गए आपकोस्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-17634734499324487232009-07-03T04:09:45.562+05:302009-07-03T04:09:45.562+05:30गज़ब की कहानी है, देखते हैं आठ बरस के बाऊ क्या-क्य...गज़ब की कहानी है, देखते हैं आठ बरस के बाऊ क्या-क्या करते हैं अब.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-27579776508199865602009-07-02T22:13:27.326+05:302009-07-02T22:13:27.326+05:30पहले बाऊ की जवानी का किस्सा और अब फ्लैश-बैक। दोनो ...पहले बाऊ की जवानी का किस्सा और अब फ्लैश-बैक। दोनो पढ़कर आनन्द आ गया। इसे लंठचर्चा कैसे कहें? यह तो राग दरबारी हो चली है। <br /><br />अच्छा ऐसा करते हैं कि एक सच्चाई की बात (लंठई की नहीं) सबको बता देते हैं। गाँव में दीपावली के बाद गोबर्द्धन पूजा होती है। उसमें महिलाएं मूसल लेकर गोबर से बने गोधन महराज को कूटकर नींद से जगाती हैं। उस दिन के बाद से विवाह आदि के मांगलिक कार्य शुरू होते हैं और खुशगवार मौसम भी छा जाता है। <br /><br />हमारे ये आलसी महाराज ऐसे ही गोधन बने सोए हुए थे। अपने ब्लॉग को आलसी का चिठ्ठा घोषित तो कर ही चुके थे। संयोग से इनको मेरा सपना आया और सपने में ही महसूस हुआ कि कुटाई होने वाली है। हड़बड़ाकर उठे और आलस्य छोड़कर चल पड़े। मुझे खोजकर मेल किया और फिर जो परिवर्तन हुआ वह इनको आलसी से ‘बाऊ’ बना चुका है।<br /><br />अतः निष्कर्ष निकलता है कि ब्लॉगजगत की इस उपलब्धि के लिए आप मुझे भी शुक्रिया कह सकते हैं :Dसिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-54089429559241880142009-07-02T05:20:27.176+05:302009-07-02T05:20:27.176+05:30@अभिषेक ओझा
अरे नहीं, कथा माला तो गुँथती रहेगी। क...@अभिषेक ओझा<br /><br />अरे नहीं, कथा माला तो गुँथती रहेगी। केवल इस प्रसंग का अंत होगा अगले भाग में। लीजिए ठीक कर दिया।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-76071580093895436902009-07-02T01:38:24.363+05:302009-07-02T01:38:24.363+05:30का महाराज ! अगले में ख़तम ? त जल्दी अगला पोस्ट ठेल...का महाराज ! अगले में ख़तम ? त जल्दी अगला पोस्ट ठेल दीजिये... हमें तो लगा की अभी चलेगा. गजबे लिखे हैं !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-14349501219218470022009-07-01T19:39:22.357+05:302009-07-01T19:39:22.357+05:30सचमुच कमाल का लिख रहे हैं।सचमुच कमाल का लिख रहे हैं।चंद्रभूषणhttps://www.blogger.com/profile/11191795645421335349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-4907659368452488742009-07-01T18:22:06.206+05:302009-07-01T18:22:06.206+05:30गज़ब लिख र्हे आप।कोई तुलना नही।गज़ब लिख र्हे आप।कोई तुलना नही।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-23010549226011914062009-07-01T13:16:25.189+05:302009-07-01T13:16:25.189+05:30इतना सशक्त पूर्वार्ध है तो यह कथा अन्तत: त्रासदिक ...इतना सशक्त पूर्वार्ध है तो यह कथा अन्तत: त्रासदिक न निकले! <br />इन्तजार करते हैं।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-82354625198065998422009-07-01T11:40:51.700+05:302009-07-01T11:40:51.700+05:30बहुत जबरदस्त लिखा है. आगे का इंतजार करते हैं.
राम...बहुत जबरदस्त लिखा है. आगे का इंतजार करते हैं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttp://taau.taau.innoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-10358451510418702782009-07-01T09:37:12.593+05:302009-07-01T09:37:12.593+05:30श्रेष्ठ और अद्भुत रचना अगली कडी का इन्तज़ार रहेगा ...श्रेष्ठ और अद्भुत रचना अगली कडी का इन्तज़ार रहेगा आभार्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-74632997116319537832009-07-01T08:16:57.194+05:302009-07-01T08:16:57.194+05:30एक और श्रेष्ठ रचना, बधाई। कथांत की प्रतीक्षा है, ज...एक और श्रेष्ठ रचना, बधाई। कथांत की प्रतीक्षा है, ज्याद इंतजार न करवाएं!<br /><br />कोई कहकर दिखाए, कि यह दो कौड़ी की रचना है!बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायणhttps://www.blogger.com/profile/09013592588359905805noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124528716864366928.post-23234142056347928182009-07-01T08:14:30.070+05:302009-07-01T08:14:30.070+05:30गजब , काव्य रच रहे हैं आप ! चरैवेति ....गजब , काव्य रच रहे हैं आप ! चरैवेति ....Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com