(1)
हाथों में झुर्री भरे हाथ लेते
झुरझुरी होती है
और माँ कहती है –
छोड़ो, जाने दो
कितनी देर से रखी है आँच पर तरकारी
जल जायेगी।
मेरी आँखों में भरता है
मणिकर्णिका का धुँआ -
एक दिन
जल जायेगी।
(2)
बहुत शांति रहती है घर में
बेटे के वितान तले
पिता घुटता है
माँ सहमती है
बच्चे बढ़ कर ऊँचे तो होते हैं,
पसरते नहीं!
(3)
बच्चे की ज़िद पर
मोल ले आई है गृहिणी
पिजरे में चिड़ियों का जोड़ा।
गृही उन्हें उड़ा नहीं पाता
उसे रह रह कोंचता है
पिता का उसके घर को
‘गोल्डेन केज’ कहना।
छाँव की चाह स्वार्थी
समय का क्या
रीत जायेगा
पिजरा रह जायेगा
सुगना उड़ जायेगा।
(4)
नहीं जाना चाहते वे
घूमने पोते के साथ,
बूढ़े पाँव
छोटे पाँवों के साथ चल नहीं पाते।
जो साथ दे सकता है
वह तो कुर्सी तोड़ता है।
(5)
कमरे के तेज प्रकाश से अलग
बिरवे का संझा दिया
टिमटिमाता है।
गमले की तुलसी तले
माँ सावन सजायी है
मन्नतें गायी है।
हाड़ हाड़ समाये हैं
गठिया के कजरी बोल
जब चलती है
चटकते हैं।
जिनसे खुशियाँ हैं घर की वहीं छुपी हैं उदासियाँ भी। खूब अभिव्यक्त हुई हैं। अभिव्यक्ति की प्रशंसा करूँ या इन उदासियों में डूब जाऊँ!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिवयक्ति.....
जवाब देंहटाएंबार बार पढ़कर भी टिप्पणी लिखी नहीं जाती। शाश्वत भावनाएं, सनातन भय, नश्वर सत्य, पैराडॉक्स - न तद्भासयाते सूर्यो न शशांको ... पावक तो है ...
जवाब देंहटाएंलगता है बनारस में माँ की ममता की छाँव और पिता का स्नेह-अमृत मिल रहा है।
जवाब देंहटाएंइस हाल में उदासी की कविता के नहीं हर्ष के गीत लिखिए।
दोनो लोग काशी देखने आये हैं बेटे के पास।
सूद में पोते का सुख।
पोती को बाहर चली गयी पढ़ाई करने।
बहुत शांति रहती है घर में
जवाब देंहटाएंबेटे के वितान तले
पिता घुटता है
माँ सहमती है
बच्चे बढ़ कर ऊँचे तो होते हैं,
पसरते नहीं!
उफ़्फ ...
सब पाया इस घर में हमने,
जवाब देंहटाएंजीवन लगा यहीं अब रमने।
उफ़ ...
जवाब देंहटाएंहम भूल गए हैं रख के कहीं …
जवाब देंहटाएंhttp://bulletinofblog.blogspot.in/2013/08/blog-post_10.html
हर उदासी में कसक है...मन को गहरे कहीं छू जाती है.
जवाब देंहटाएंअति उत्तम!
पिछले २ सालों की तरह इस साल भी ब्लॉग बुलेटिन पर रश्मि प्रभा जी प्रस्तुत कर रही है अवलोकन २०१३ !!
जवाब देंहटाएंकई भागो में छपने वाली इस ख़ास बुलेटिन के अंतर्गत आपको सन २०१३ की कुछ चुनिन्दा पोस्टो को दोबारा पढने का मौका मिलेगा !
ब्लॉग बुलेटिन के इस खास संस्करण के अंतर्गत आज की बुलेटिन प्रतिभाओं की कमी नहीं 2013 (13) मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !