रविवार, 22 जनवरी 2012

मानो या ना मानो



आभार: http://1x.com/photos/conceptual/31526/

मैं हूँ और ऐसे ही रहूँगा - 
चाहे मानो या ना मानो। 


16 टिप्‍पणियां:

  1. रहनुमा बदलने से दुश्वारियाँ नहीं जातीं
    मालिक भेड़ बकरी का सदियों से कसाई है।

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  2. भीड़ से जुदा
    अच्छा हैं ना.....सबसे अलग तो दिखते हैं आप

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  3. रंग बिरंगी दुनिया होगी,
    हमको अपना रंग सुहाता,

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  4. लगता है इस बार चुनाव परिणाम कुछ ऐसे होने वाले हैं.....
    "फिर वही टूटा हुआ रथ, गांठों जुडी वल्गा वही
    अश्व पर भी क्या भरोसा, है अश्व शाला तो वही."

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  5. सब नज़र का और दृष्टी का खेल है - |

    इसी चित्र को negative कर के देखें - तो ढेरों black sheep के बीच सिर्फ एक धवल नज़र आने लगेगी |

    फिर ऐसी धोखेबाज़ निगाह पर भरोसा कर के , क्या किसी को ब्लैक शीप या किसी को white sheep तय करा जाए ?

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  6. आप तो जैसे हैं, वैसे दिख भी रहे हैं।
    लेकिन इन सफेद भेडों में ज्यादातर सफेदी करवाये खडे हैं। जरा सी बारिश आते ही इनका अंदरूनी कालापन बाहर आ जायेगा।

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  7. आप जैसे हैं वैसे खुद को प्रस्तुत कर रहे हैं, इसके लिये बहुत हिम्मत चाहिये।
    लेकिन इन सफेद भेडों में बहुत सारे रंग चढाये भी हैं, जरा सी बारिश आते ही इनका काला रंग उजागर हो जायेगा।

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  8. मैं अकेला ही चला था.. एकला चोलो रे... हम न बदलेंगे कभी वक्त की रफ़्तार के साथ... इसमें न मानने वाली कोइ बात ही नहीं, जिसने बरसों (मेरे लिए दो बरसों) से आपको देखा/समझा/जाना है, वह मान ही लेगा!
    वैसे भी... जिन्हें मानना है उनके लिए किसी तस्वीर की दरकार नहीं.. और जिन्होंने न मानने की कसम खा रखी हो उन्हें आइना भी दिखा दें तो फ़िज़ूल!!

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  9. किसी ने पूछा नहीं आप इनमें से हैं कौन ? :)

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