कौवे बहुत स्नेहिल जीव होते हैं, इतने स्नेहिल कि कोयल के बच्चे भी पाल लेते हैं! साथ ही सावधान भी बहुत होते हैं। मेरा अभी का घर कुञ्ज में है, ऐसा कह सकता हूँ। आगे शिरीष, पीछे अमराई सी। आम के एक वृक्ष पर कौवों के घोंसले हैं। प्रात;काल जब भी सूर्यनमस्कार के लिये छत पर जाता हूँ, काँव काँव करते हुये आजू बाजू उड़ते रहते हैं। उन्हें भय रहता है कि कहीं मैं उनके बच्चों को कुछ कर न दूँ! बच्चे उड़ना भी छत पर ही सीखते रहते हैं। मुझे बस यह भय रहता है कि किसी दिन किसी कौवे ने मुण्डी पर चोंच मार दी तो टोटका करते हुये किसी निकट सम्बन्धी के यहाँ अपनी मृत्यु का झूठा सन्देश भेजना पड़ेगा।
सोच रहा हूँ कि इसके लिये कौन सबसे उपयुक्त होगा? :) जो सुनने पर रोये, केवल च, च, च या 'अच्छा मानुख था' जैसी औपचारिक अभिव्यक्ति के साथ मुझे सच में अपने संसार से विदा न दे दे। निकट सम्बन्धी के रूदन से ठोकर प्राप्तकर्ता के सिर से अशुभ यम की छाया टल जाती है।
वैसे अब लोग रोते भी बहुत सँभल कर हैं। अतिविशिष्ट शोक प्रसङ्गों पर पहने जाने वाले काले ऐनक वास्तव में आँसू नहीं, सूखी आँखों को छिपाने के लिये होते हैं, ऐसा मुझे घोर विश्वास है। उन्हें लगाने पर कई जन कौवे जैसे ही लगते हैं। कौवे रोते भी हैं, मुझे नहीं पता। अस्तु।
आज जब धुले कपड़े फैला रहा था तो एक प्रेमिल कौवे से साक्षात्कार हो गया। रह रह कभी पके आम का गूदा तो कभी कच्चे आम का गूदा खोद कर ले आता और अपने बच्चे को चुगाता। उस क्षण का चित्र तो नहीं ले पाया किंतु उसकी विभिन्न मुद्राओं के चित्र अवश्य ले लिया।
मधुर स्वर वाले कोयल के बच्चे को पाल पोस कर बड़ा करने वाले कौवे की प्रशंसा में कवितायें सम्भवत: रची ही नहीं गई हैं। किसी भी दुर्दांत, प्रकाण्ड, तेजस्वी. ओजस्वी आदि साहित्यकार ने गद्य भी लिखा है, इसमें मुझे शङ्का है। यह कृतघ्नता की पराकाष्ठा है।
वैसे कौवा एक प्रतीक भी है। उसे इस हिन्दू देश का राष्ट्रीय पक्षी होना चाहिये। हम भी तो मीठी शायरी पढ़ने वाले विषैले जिहादियों को पालते हैं और ढेर सारी काँव काँव करने एवं सावधानियाँ बरतने पर भी ठगाते हैं। है कि नहीं?
मेरे पड़ोसी श्रीमान/श्रीमती कौवे से भेंट कीजिये, कागभुसुण्डी महराज को राम राम बोलिये। ये बहुत बुद्धिमान पक्षी हैं, आधुनिक विज्ञान भी इनकी बुद्धिमत्ता का स्तर कई मनुष्येतर स्तनपायी जीवों जितना बताता है।
वैसे इस पर एक बार घणी चर्चा हुई थी कि कागभुसुण्डी ये हैं या शुद्ध काली ग्रीवा वाले। Raven और crow के संस्कृत पर्याय हैं, कभी लिखूँगा।
वैसे इस पर एक बार घणी चर्चा हुई थी कि कागभुसुण्डी ये हैं या शुद्ध काली ग्रीवा वाले। Raven और crow के संस्कृत पर्याय हैं, कभी लिखूँगा।