बहुत ही सूक्ष्म विश्लेषण आदि के लिये एक मुहावरा प्रचलित है - मीन मेख निकालना। उसका सम्बन्ध सौर-चंद्र समन्वित पंचांग के नववर्ष के आज के पहले दिन से ले कर 14 अप्रैल को सौर पंचांग अनुसार नववर्ष के पहले दिन (सतुआन/ बैसाखी पर्व) से है।
राशि चक्र मेषादि है अर्थात मेष से गणना आरम्भ कर मीन पर अंत होता है तथा आगे पुन: मेष से आरम्भ होता है। ऐसे ही चक्र चलता रहता है।
आज सौर-चंद्र समन्वित नववर्ष है चंद्र मीन राशि में हैं तथा सूर्य भी। ऋतुओं की कारक सूर्य गति है। अत: जब सूर्य मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश करें तब राशि चक्र आरम्भ से सम्पात होने के कारण सौर नववर्ष होना चाहिये। 14 अप्रैल के दिन यही होता है, जब सूर्य मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश करेंगे - मेष संक्रांति, सौर नववर्ष का आरम्भ।
राशि संक्रांति को नाक्षत्रिक परिशुद्धता के साथ मिला कर देखें तो नववर्ष आरम्भ का निर्धारण सूक्ष्म विश्लेषण की माँग करता है। वही है मीन मेख निकालना।
बहुत सुंदर और नई व्याख्या
जवाब देंहटाएंNice post bhai, thank you
जवाब देंहटाएंअति सुंदर
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