मंगलवार, 16 अक्टूबर 2012

पहले दिन - उषा और आत्मा


(ऋक् संहिता, मंडल 6, सूक्त 64, परम्परा - वृहस्पति, ऋषि- भारद्वाज, छ्न्द - त्रिष्टुप)


(ऋक् संहिता, मंडल 10, सूक्त 125, परम्परा - आम्भृण, ऋषि- वाक्, छ्न्द - त्रिष्टुप 1,3-8, जगती 2 )

5 टिप्‍पणियां:

  1. प्रणाम भैया जी.

    सादर

    ललित

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  2. आज नवरात्रि की बैठकी है - सभी को बहुत बहुत सी बधाईयाँ और शुभकामनायें :) :) :)

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  3. अंग्रेजी भावानुवाद तो कमाल का है। आत्मा तृप्त हो गयी।
    इसे सेव करके बार-बार सुनने लायक है।
    यह खजाना कहाँ से लाये?

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  4. ये बीच वाली तस्वीर का कैलेण्डर कभी आया था घर... और तभी हमने उसे मढवा लिया था.. आज भी है घर पर.

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