फुटबाल और लॉन टेनिस मेरे प्रिय खेल हैं (खेलता तो एक भी नहीं!)। इन्हें ले कर उत्सुकता बनी रहती है। वास्तुशिल्प का विद्यार्थी होने के कारण क़तर में होने वाले 2022 के प्रस्तावित फुटबाल स्टेडियम को ले कर भी उत्सुकता रही सो आज सर्च किया तो यह सामग्री हाथ लगी।
कहूँ तो वास्तुशिल्प के क्षेत्र में 2013 नैराश्यपूर्ण रहा। कोणार्क शृंखला में मैने स्त्री और पुरुष वास्तुशिल्प अवधारणाओं की बात बताई है। पश्चिमी वास्तु में अंग विशेष को ले कर संकल्पना की जाती है जब कि पारम्परिक भारतीय वास्तु में समग्र देह को लेकर जिसके कारण एक पूर्णता और समन्वय की स्थिति बनती है। क़तर देश में वर्ल्ड कप स्टेडियम का प्रस्तावित स्त्री वास्तुशिल्प चर्चा में है। इसका विरोध भी हो रहा है। इसे योनि वास्तु का एक उदाहरण बताया जा रहा है। इसकी डिजाइनर हैं - ज़हा हदीद।
इस स्टेडियम का वास्तु स्त्रीवादी रुझान लिये है जिसके मूल में यह है कि लिंग का आकार अब तक वास्तुशिल्प पर छाया रहा है, योनि आकार को भी स्थान मिलना चाहिये। एक मध्यपूर्वी देश में इसे आकार लेते देखना रोचक होगा।
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चित्राभार:http://www.dezeen.com
रोचक!
जवाब देंहटाएंऐसी अनुपम जानकारियाँ दे-देकर आपने हम जैसों को भी नेट-एडिक्ट कर दिया। कामना है कि यह यात्रा कभी रुके नहीं।
जवाब देंहटाएंवैसे यह कोण भी बुरा नहीं..
जवाब देंहटाएंshandar sahab ji keep it up
जवाब देंहटाएंनई सोच....बहुत बढ़िया ..आप को मेरी ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंनयी पोस्ट@एक प्यार भरा नग़मा:-कुछ हमसे सुनो कुछ हमसे कहो