आज 'लंठई' पर लिखने का मन था । लेकिन बहुत दिनों से 'कविताएँ और कवि भी...' पर कुछ नया न आने से सुधी जन दु:खी थे। इसलिए वहाँ के लिए लिखना प्रारम्भ किया तो बहाव कुछ और ही हो गया ।
गम्भीरता और हास्य को एकइच साधना मेरे लिए कठिन है। सो वहाँ का लिंक दे रहा हँ। पढ़ें और टिप्पियाएँ।
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जाते हैं जी.
जवाब देंहटाएंरामराम.
badhiya hai. Aapne apni tippni se meri samasya hal kar dee. Vaise jaldi hee is par kuchh bade logon ke vichar aapko padhne milenge.
जवाब देंहटाएंलंठ खालिस यूपोरियन गुण है। गांगेय प्रदेश में व्यापक है!
जवाब देंहटाएं@ ज्ञानदत्त पाण्डेय
जवाब देंहटाएंनहीं जी लण्ठ व्यक्तिवाचक संज्ञा है। गुणवाचक संज्ञा तो 'लंठई' ही है ।