गुडुवा झुलनवा से-
अबे, आज
तो अधिक कमाई हो गयी! भीख माँगने के साथ झंडे भी बेच लिये।
झुलनवा,"तो चल पिक्चर चलते हैं।"
गुडुवा,"नहीं, उस्ताद
को पता चला तो बहुत मारेगा।"
झुलनवा,"मेरी तो मारता ही रहता है, अधिक
क्या कर लेगा? मैं चला।"
गुडुवा झुलनवा को खुशकिस्मत समझ
रुआँसा हो गया है।
:(
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so sad, this situation... unbearable..
:(
हम भोक्ता, खुद को दृष्टा मान कर कुछ देर के लिए मन बहला लेते हैं.
जवाब देंहटाएंमानसिकता बदलने की रूपरेखा :)
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