मुझे क्रिकेट एकदम पसन्द नहीं है जब कि इस खेल के लिए एक तरह की जुनूनियत रखता हूँ। हर चौथे साल की बेसब्री से प्रतीक्षा रहती है। ... आ रहे हैं वे दिन ...
जाने क्यों मुझे लगता है कि अपने देश में अगर क्रिकेट के बजाय फुटबाल के लिए उतनी ही जुनूनियत रहती तो निस्सन्देह सूरते हालात बेहतर होते...
खैर, छोड़िए यह सब । बस आनन्द लेने की तैयारी कीजिए। पूरी समय सारिणी ऐसे डाउनलोड की जा सकती है:
.... सच कहा जाये तो क्रिकेट खिलाडियों ने तंग कर दिया है ... सिर्फ़ ग्लैमर में उलझे हुये हैं ... खेल कबाड हो गया है ...!!!
जवाब देंहटाएंफुटबाल मनुष्य के शक्ति बल और बुद्धिबल का खेल है और सही माइने में टीम खेल भी.
जवाब देंहटाएंकभी मुझे भी क्रिकेट बहुत अच्छा लगता था...जूनून की हद तक। लेकिन जब अजहरूद्दीन और जडेजा वाला मैच फिक्सिंग प्रकरण हुआ अचानक से एकदम क्रिकेट से वितृष्णा सी हो गई।
जवाब देंहटाएंएक बार फिर जोर का जूनून चढ़ा था 20-20 में जब पाकिस्तान को धोनी टीम ने हराया था...लेकिन बाद में वह इंटरेस्ट भी खतम हो गया।
अब जो यह आईपीएल फाईपीएल आया है उसने तो जैसे रही सही कसर भी पूरी कर दी।
एकदम बाईकाट फ्रॉम हार्ट।
वैसे फुटबाल देखना मुझे अब भी अच्छा लगता है औऱ तब तो और जब वर्ल्ड कप का दौर हो।
बहुत सुहाता है फुटबाल मुझे ।
जवाब देंहटाएंमुबारक हो! क्रिकेट हो या सॉकर, अपना तो वही हाल है जैसे खुमैनी के लिए लिए क्या पेरिस क्या तेहरान!
जवाब देंहटाएंमुझे अब केवल हॉकी प्रिय है
जवाब देंहटाएंआज तो अखबार पटा पड़ा है! :)
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