ब्लॉग ही देखना है ..जहाँ अपनी अभिव्यक्ति है, सही सार्थक बिना लाग लपेट और बिना किसी expectation के...तो देखिये ... 'हथकढ़' ...http://hathkadh.blogspot.com/
@ अदा जी, वेबसाइट है तब भी एकल प्रयास लगता है। सही है कि ऐसा टेम्पलेट और संयोजन सम्भवत: सभी ब्लॉगरों के बस का न हो(हालाँकि हिन्दी में ऐसे कई ब्लॉग हैं) लेकिन गुणवत्ता और शांत कर्मठता प्रशंसनीय है। टिप्पणी की सुविधा होने पर भी इतनी कम टिप्पणियाँ ! ध्यान देने वाली बात है। गुणवत्ता रहेगी तो पाठक आएँगे। टिप्पणी लिखें या न लिखें, कोई बात नहीं। मैं 'हथकढ़' पढ़ता रहा हूँ :) आश्चर्य यह है कि इस तरह उसे पोस्ट का विषय बनाना क्यों नहीं सूझा। मस्तिष्क यूँ ही चला आता है, अभिभूत - यह भी इस ब्लॉग की खासियत है। यहाँ ध्यान दिलाने के लिए धन्यवाद।
@ अली जी, मेरे मेलबॉक्स में भी वह टिप्पणी नहीं है इसका मतलब ब्लॉगर प्लेटफॉर्म ने 'जरती' काट लिया :) मेरा बहुत घाटा हो गया। ब्लॉगर से ऐसी उम्मीद नहीं थी ।
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लगे हैं मनोयोग से
जवाब देंहटाएंये तो वेब साईट ही है गिरिजेश जी....ब्लॉग नहीं.....
जवाब देंहटाएंइसलिए कोई बड़ी बात नहीं है....
ब्लॉग ही देखना है ..जहाँ अपनी अभिव्यक्ति है, सही सार्थक बिना लाग लपेट और बिना किसी expectation के...तो देखिये ...
जवाब देंहटाएं'हथकढ़' ...http://hathkadh.blogspot.com/
धन्यवाद गिरिजेश! मेरा भी इस ब्लॉग से परिचय हालिया ही है. बहुत बढ़िया काम कर रहे हैं.
जवाब देंहटाएं@ अदा जी,
जवाब देंहटाएंवेबसाइट है तब भी एकल प्रयास लगता है। सही है कि ऐसा टेम्पलेट और संयोजन सम्भवत: सभी ब्लॉगरों के बस का न हो(हालाँकि हिन्दी में ऐसे कई ब्लॉग हैं) लेकिन गुणवत्ता और शांत कर्मठता प्रशंसनीय है। टिप्पणी की सुविधा होने पर भी इतनी कम टिप्पणियाँ ! ध्यान देने वाली बात है। गुणवत्ता रहेगी तो पाठक आएँगे। टिप्पणी लिखें या न लिखें, कोई बात नहीं।
मैं 'हथकढ़' पढ़ता रहा हूँ :) आश्चर्य यह है कि इस तरह उसे पोस्ट का विषय बनाना क्यों नहीं सूझा। मस्तिष्क यूँ ही चला आता है, अभिभूत - यह भी इस ब्लॉग की खासियत है।
यहाँ ध्यान दिलाने के लिए धन्यवाद।
वाकई, एक काम की साईट का पता चला । आपको धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएं...जी आपकी आज की पोस्ट पर जो चुपचाप /मनोयोगपूर्ण सबसे पहली टिप्पणी मैने की थी वो दिख नही रही है :)
जवाब देंहटाएंथैंक्स !
@ अली जी,
जवाब देंहटाएंमेरे मेलबॉक्स में भी वह टिप्पणी नहीं है इसका मतलब ब्लॉगर प्लेटफॉर्म ने 'जरती' काट लिया :)
मेरा बहुत घाटा हो गया। ब्लॉगर से ऐसी उम्मीद नहीं थी ।
वजा फरमा रहे हैं आप !
जवाब देंहटाएंअभी जाता हूँ जी, पर कुछ डिटेल भी दिये होते
जवाब देंहटाएं--------
रूपसियों सजना संवरना छोड़ दो?
मंत्रो के द्वारा क्या-क्या चीज़ नहीं पैदा की जा सकती?
@ गिरिजेश जी ,
जवाब देंहटाएंहा हा हा मज़ा आ गया ! वर्षों हो गए थे जरती काटना सुने हुए :)
@ टिप्पणी विलोपन
यहीं से इस फील्ड में अपने नौसिखियापन का बोध होता है :)
संसार में कोई ऐसी वनस्पति नहीं है जिसमें औषधीय गुण न हों'
जवाब देंहटाएं-जरूरत है उसे पहचानने की.