यह व्यंग्य है। दिल पर लेने की आवश्यकता नहीं है। चेक अप में गड़बड़ निकल आया तो  मुझे दोष न  दीजिएगा।
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सुअरा (swine flu, सूअर बुखार) से बचाव के लिए तमाम बातें बताई गई हैं। उसमें  मुझ आलसी को एक बात बहुत जमी - आराम करें। 
 आदमी तो रोज आराम करता है। फिर आराम पर इतने जोर का क्या मतलब हुआ? मतलब ये  हुआ कि खूब आराम करें। है कि नहीं?
किसी का फोन आए। न उठाएँ। गलती से बच्चों ने  उठा लिया तो उन्हें बाथरूम में होने, टहलने या बाजार जाने के चालू बहानों के बजाय  यह बताने को कहें कि पापा या मम्मी आराम कर रहे हैं। लेकिन सतर्क रहें 'या' कि जगह  'और' न लग जाए। नहीं तो पब्लिक ऐसा वैसा सोचने लगेगी। इस समय! छि:।
कामुक लोग  (मेरा मतलब उन काम करने वाले पुरुषों से है जिनकी श्रीमती जी गृहिणी  हैं और घर पर हर काम के लिए महरी लगी हुई है। कामकाजी महिलाएं और फेमिनिस्ट लोग  अन्यथा न लें।) घर पर लगा हुआ केबल कनेक्सन, डिश टीवी वगैरह तुरंत कटवा दें। श्रीमती जी तो वैसे ही आराम कर कर  वेट गेन करने के बाद उसे घटाने के तरह तरह के तरीकों से आप के पर्स पर डाका डालती  रहती हैं। इस से थोड़ी बचत होगी और उन्हें आराम भी खूब मिलेगा। आँखों को भी आराम मिलेगा। टीवी देखते देखते मियाँ बीवी के  पास दिमाग तो  बचा नहीं कि उसे आराम देने की सोचें। वैसे भी आज कल टीवी पर सुअरा के  अलावा है ही क्या?
 आराम बहुत महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। हमलोग ऑफिस में भी करते रहते हैं।  कम्प्यूटर में वायरस आ गया है। सुशील जी लगे हुए हैं। और हम चुप चाप स्क्रीन को  देखते आराम कर रहे हैं। अरे भाई! दुनिया भर की फाइलें पड़ी हैं, सर्कुलर हैं , उन्हें ही देख लेते! खाम्खाँ पूछ पूछ कर दूसरों का  भेजा खराब करते रहते हो। नहीं, हम तो आराम करेंगे। इस आराम को और आरामप्रद बनाने के  लिए कम्प्यूटर की ओर देखना भी बन्द कर दें। बॉस आएँ तो कहें कि कम्प्यूटर को सफाई के काम पर लगा हम आराम कर रहे हैं। डाक्टर  साहब ने सलाह दी है।
 मिलने जुलने वालों को हम रिसेप्सन पर आराम कराते ही रहते हैं। कई बेचारे तो  बड़े परेशान होकर आते हैं। उन्हें घर पर भी आराम नहीं मिलता। लिहाजा ऑफिस में  अधिकारी से मिलने के बहाने आते हैं और आराम करते रहते हैं। मैंने कई को तो लंच से लेकर ऑफिस छूटने तक बैठे देखा है। उनके  आराम को और आरामप्रद कैसे बनाएँ?  मानव प्रशासन (संसाधन नहीं) विभाग को यह नियम  बनाना चाहिए कि किसी अधिकारी से मिलना हो तो एक दिन पहले आकर सोफे पर आधे दिन आराम करना आवश्यक है। मिलने के  दिन तो पहले भी आराम किया करते थे।
 इंटरनेट आराम का शत्रु है। याद करिए वह जमाना जब यह नहीं हुआ करता था। ऑफिस  में आरामपसन्द लोग दूसरों के पास जाकर उन्हें भी आराम दिया करते थे। जब से यह मुआ  आया है आराम तो आराम काम के समय भी लोग इससे चिपके रहते हैं। एक  पल चैन नहीं । सो आराम और जनस्वास्थ्य के  हित में ऑफिस से इंटर्नेट की सुविधा तुरंत समाप्त करा दें। इसके लिए अपने आई टी  विभाग से सम्पर्क करें। उन लोगों ने दूर बैठे बैठे बहुत आराम कर लिया है। अब आप का यह हक बनता है कि आप भी अपने आराम  में कुछ बढ़ोत्तरी करें।
 हैंड्लिंग कांट्रैक्टर की टीम आप के आराम में बढ़ोत्तरी करने के लिए अगर और कुछ कर सकती है तो  बताएँ। मुझे तो कुछ नहीं सूझता। बेचारे पहले ही बच्चों की साइकिल ठीक कराने से लेकर  आप की टुच्ची सी बगिया की देखभाल तक कर आप को आराम देने में लगे हुए हैं। सामूहिक रूप से इस प्रकरण को  मानव प्रशासन विभाग के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकता है। वे लोग आज कल आप पर मेडिकल  चेक अप थोपने के चक्कर में आराम से महरूम हैं। उन्हें थोड़ा आराम मिलेगा। वैसे अगर उनकी चल गई तो यह सब  कुछ नहीं करना पड़ेगा।
 चेक अप के चक्कर में आप खुद हॉस्पिटल से सुअरा लेकर आएंगे और फिर आराम ही आराम  ! 
 
 
नितांत जरुरी सलाह दी आपने. आपका बहुत बहुत आभार.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
अंतिम बात में दम है। अस्पताल ही यह बुखार फैलाने का काम कर रहे हो सकते हैं।
जवाब देंहटाएंधीरे-धीरे मृत्यु के आंकड़े बढ़ रहे हैं। अहमदाबाद में भी 2 की मृत्यु हो चुकी है इस बुखार से। न जाने यह कहां जाकर रुकेगा।
चलिए आपकी सलाह मानकर चिंता छोड़ देते हैं और थोड़ा आराम कर लेते हैं!
Bahut Badhiya.
जवाब देंहटाएं{ Treasurer-S, T }
आपने नाहक व्यंग्य लेख का टैग लगा दिया। यह एक गंभीर परामर/विमर्श है स्वाईनफ्लू पर।
जवाब देंहटाएंसलाह पर अमल किया जाएगा। ईश्वर करे अवसर कभी न आए। सुअरा शब्द सही क्वाईन किया या है आपने।
अच्छी पोस्ट पढ़वाने का धन्यवाद।
सुअर के बच्चे धूम मचा रहे हैं और आप कह रहे हैं कि दिल पे लेने का नै...कमाल है यार:)
जवाब देंहटाएंहम शुरुऐ से देख रहे हैं की आप सुअरा से डर नाही रहे हैं और सुरा सुन्दरी में दिन बिता रहे हैं -भगवान आपका भला करे !
जवाब देंहटाएंआराम कर रहा हूँ इसलिए कमेन्ट को आराम देता हूँ... :)
जवाब देंहटाएंये मुंवा सुवरा कहाँ से आ गया. सभी चमका रहे हैं.
जवाब देंहटाएंबहुत बडिया मश्विरा आखिरी बात बडिया लगी आभार्
जवाब देंहटाएंmaja aa gaya! waqai me............sahi baat hai.
जवाब देंहटाएंअजी आराम करने वाले तो सबकुछ रहते हुआ भी आराम कर लेते हैं. ये भी एक कला है :)
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