आप हिन्दी ब्लॉग पढ़ते हैं तो जाहिर है कि कुछ को पसन्द करते होंगे, नापसन्द भी करते होंगे। अब आप पूछेंगे कि जो पसन्द नहीं उसे क्यों पढ़ेंगे? इसका उत्तर यह है कि यह बहुत ही गूढ़ मनोविज्ञान है जिसकी यहाँ चर्चा विषयान्तर होगी।
क्यों सोचा का कोई उत्तर नहीं है। बस सोच लिया!
मौसम गर्म है, छुट्टियाँ चल रही हैं लिहाजा लोग आत्ममंथन और आत्मनिरीक्षण करने के साथ साथ अपनी बात कहने के लिये समय भी निकाल सकते हैं।
तो आज से मत प्रक्रिया प्रारम्भ हो रही है (7 जून 2012 तक जारी)। आप को बस इतना करना है:
- अपने प्रिय 3 (अधिकतम) ब्लॉगों के नाम वरीयता क्रम में देने हैं।
- एकाध शब्द/पंक्ति में यह बताना है कि ब्लॉग प्रिय क्यों हैं?
- उन (अधिकतम) तीन ब्लॉगों के नाम भी वरीयता क्रम में देने हैं जो सबसे खराब लगते हैं।
- स्पष्ट है कि खराब लगने के कारण भी एकाध शब्द/पंक्ति में बताने हैं।
- स्तब्ध, अद्भुत, स्माइली, बकवास, साहित्यकार/दार्शनिक/प्रसिद्ध व्यक्तियों के नाम आदि के प्रयोग न करें। ऐसा करने पर आधा नम्बर काट लिया जायेगा।
- आप जिन तीन ब्लॉगों को सर्वप्रिय श्रेणी में नामित करेंगे उन्हें ही सबसे खराब श्रेणी में भी नामित कर सकते हैं, इस पर रोक नहीं है। (**)
- प्रारम्भिक रुझान के बाद एक संशोधन - किसी भी श्रेणी में तीनों स्थानों पर एक ही ब्लॉग का नाम न दें। माना कि आप बढ़िया लिखते हैं लेकिन इतना भी नहीं कि फर्स्ट से थर्ड तक तीनों खुदे कब्जिया लें!
- प्रारम्भिक रुझान के बाद एक संशोधन - किसी भी श्रेणी में तीनों स्थानों पर एक ही ब्लॉग का नाम न दें। माना कि आप बढ़िया लिखते हैं लेकिन इतना भी नहीं कि फर्स्ट से थर्ड तक तीनों खुदे कब्जिया लें!
(**)
यदि आप ने किसी ब्लॉग को प्रिय बताया और दूसरे ने खराब बताया तो उस ब्लॉग की रैंकिंग में नेट -1 जुड़ेगा यानि कि किसी और की नापसन्दगी की स्थिति में ऋणात्मक मार्किंग 2 की होगी। हाँ, यदि आप स्वयं किसी ब्लॉग को प्रिय और खराब दोनों श्रेणियों में नामित करते हैं तो उसकी रैंकिंग शून्य होगी। अवैध मत पहचानने की भी व्यवस्था है। हालाँकि टिप्पणी बॉक्स के ऊपर चेताया गया है, अपशब्द, गाली वगैरह का प्रयोग न करें। ऐसा करने पर आप का मत तिरस्कृत कर दिया जायेगा।
चूँकि इस आयोजन का पुरस्कारीलाल मैं स्वयं हूँ, इसलिये मेरे किसी भी ब्लॉग को नामित न करें।
मुझे पता है कि वे सभी आप को प्रिय हैं और यदि उन्हें सम्मिलित किया गया तो शीर्ष पुरस्कार उनमें से ही कोई झटक ले जायेगा। उल्टा भी हो सकता है इसलिये रिक्स उठाना ठीक नहीं... जो पुरस्कारी है उसकी गरिमा बनी रहनी चाहिये।
यह आयोजन ब्लॉग को पुरस्कृत करने के लिये है, ब्लॉगर को नहीं।
आप को अपना मत टिप्पणी में भेजना है जो कि 7 जून तक गोपनीय रखी जायेगी। उसके पश्चात विश्लेषण कर विजेता ब्लॉगों के नाम 10 जून तक घोषित किये जायेंगे।
विश्वास रखें कि यह आयोजन निष्पक्ष और नि:स्वार्थ है। हिन्दी की चिंता में दिनन दूबरो होत जात एक अकिंचन ब्लॉगर का कंचन आयोजन है।
पुरस्कारों को देख आप दंग रह जायेंगे!
मृदु हास्य के साथ घोषणा करने का यह अर्थ न लें कि आयोजक गम्भीर नहीं है।
तो जुट जाइये फटाफट! बस 5 मिनट ही तो लगने हैं। स्वयं वोट दीजिये, सुहृदों और शत्रुओं को भी प्रेरित कीजिये।
*********************
जनभावना का पुन: सम्मान करते हुये मतदाताओं के नामों को सार्वजनिक करना बन्द किया जा रहा है। किसी भी अद्यतन के लिये ढोल बजने के बाद के इस भाग को देखते रहिये।26/05/12 : सात दिनों के लिये यायावर हूँ। लौट कर अद्यतन करूँगा। आप लोग अपना अभिमत बताते रहिये।
01/06/12 : लौट आया यायावर। पसन्द में कुछ और नाम जुड़े हैं। सूची अद्यतन कर रहा हूँ।
कुछ अलग हट के। धैर्य पूर्वक ध्यान दे, प्रसंग को जान समझ कर!
मार्क्सवाद के अनुकूल है मंगलेश और उदय प्रकाश का आचरण ...
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किसी नयी घोषणा के न होने की स्थिति में यहाँ कुछ ब्लॉगों से पोस्ट लिंक लगाये जायेंगे ताकि आप जान सकें कि विशाल समुद्र के गर्भ में अनदेखे रत्न भी हो सकते हैं:
(1) ... ये दुनिया भगवान ने आखिर कैसे बनाई
(2) परस्पर अविश्वास से गहराया लेह ...
(3) एयर रैकी या जॉय राइड
(4) मोनल से मुलाकात
(5) नर्तकियाँ और पृथ्वियाँ
(6) एक कमज़ोर आदमी का कमज़ोर सच
(7) रामकथा और डेमोक्रेसी कांड
(8) मेरी गुरुयावूर तीर्थयात्रा
(9) ... कण त्वरकों के आँकड़ों का विश्लेषण
(10) बैसाखी और सतुआनि हाइगा में
(11) किसान महाकवि घाघ और उनकी कवितायें
(12) पुरुषों की बीन पर नाचती छम्मकछल्लो
(13) चावल के पौधे का नामकरण कैसे हुआ होगा?
(14) यह किसी मुहावरे का वाक्य प्रयोग नहीं है प्रिय
(15) यानिस रित्सोम: कर्तव्य
(16) ज़हन बीमार हैं इनके
(17) प्रजातंत्र की पीड़ा
(18) फ्रेंच किस
(19) सुषमा रानी झिंझोटिया का जवाबी प्रेमपत्र
(20) पेट्रोल के दाम बुद्ध फिर मुस्कुराये
(21) कन्या भ्रूण हत्या
(22) बहुत सारे अच्छे गानों का ...
(23) घर बड़ा करने की खातिर कद घटाना पड़ रहा है
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लोगों ने मत देने और राय व्यक्त करने में बहुत ही उत्साह दिखाया है। ई मेल से भी मत प्राप्त हो रहे हैं।
यदि आप ई मेल से अपना मत भेजना चाहें तो भेज सकते हैं जिन्हें प्रतियोगिता में सम्मिलित किया जायेगा। आप यदि यह चाहते हैं कि आप का नाम गोपनीय ही रखा जाय तो उसे भी स्वीकार किया जायेगा। आप अपना मत इस ई मेल पते पर भेज सकते हैं:
girijeshrao[@]gmail[.]com
(कोष्ठक मात्र स्पैम की सम्भावना रोकने हेतु लगाये गये हैं, भेजते समय उन्हें हटा दें।)
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03/06/12 की प्रात: तक इतने ब्लॉग उभर आये हैं:
(क्रम यादृच्छ है, वरीयता में नहीं):
ग्रेविटॉन, http://www.dkspoet.in/
कविता, http://kavyana.blogspot.in/
बैतागवाणी, http://geetchaturvedi.blogspot.in
हारमोनियम , http://iharmonium.blogspot.in
शिप्रा की लहरें, yatra-1.blogspot.com/
लपूझन्ना, http://www.lapoojhanna.blogspot.com/
क्वचिदन्यतोऽपि, http://mishraarvind.blogspot.com
(क्रम यादृच्छ है, वरीयता में नहीं):
ग्रेविटॉन, http://www.dkspoet.in/
कविता, http://kavyana.blogspot.in/
बैतागवाणी, http://geetchaturvedi.blogspot.in
हारमोनियम , http://iharmonium.blogspot.in
शिप्रा की लहरें, yatra-1.blogspot.com/
लपूझन्ना, http://www.lapoojhanna.blogspot.com/
क्वचिदन्यतोऽपि, http://mishraarvind.blogspot.com
डीहवारा, deehwara.blogspot.com
उन्मुक्त, unmukt-hindi.blogspot.com
हिन्दी ज़ेन, http://hindizen.com/
घुघूती बासूती, http://ghughutibasuti.blogspot.com
बर्ग वार्ता, http://pittpat.blogspot.com
उन्मुक्त, unmukt-hindi.blogspot.com
हिन्दी ज़ेन, http://hindizen.com/
घुघूती बासूती, http://ghughutibasuti.blogspot.com
बर्ग वार्ता, http://pittpat.blogspot.com
सारथी, http://sarathi.info
मो सम कौन, http://mosamkaun.blogspot.comसफेद घर, http://safedghar.blogspot.in/
निरामिष, niraamish.blogspot.com/
निर्मल आनन्द, http://nirmal-anand.blogspot.in
मेरी भावनायें...,http://lifeteacheseverything.blogspot.in/
दिल की बात, http://anuragarya.blogspot.in
समय के साये में, http://main-samay-hoon.blogspot.in/
महाजाल पर सुरेश चिपलूनकर, http://blog.sureshchiplunkar.com
Steam Engine(केवल नाम भर अंग्रेजी में है, लिखाई हिन्दी में है), http://www.blackstuffonwhite.blogspot.in
फुरसतिया , hindini.com/fursatiya/
सच्चा शरणम्, http://ramyantar.blogspot.in
ओझा उवाच, http://uwach.ojha.in/
मानसिक हलचल, http://halchal.org/
चर्चामंच, http://charchamanch.blogspot.in
हथकढ़, http://hathkadh.blogspot.in
उड़न तश्तरी, http://udantashtari.blogspot.in/
मेरी कलम से, http://penavinash.blogspot.com
उम्मतें, http://ummaten.blogspot.in
अनिल का हिन्दी ब्लॉग, http://xn--l1b4e4a1c.blogspot.in
न दैन्यं न पलायनं, praveenpandeypp.blogspot.com
मनोज देसिल बयना, http://manojiofs.blogspot.com
मेरे अंचल की कहावतें, http://kahawatein.blogspot.in/
क़स्बा http://naisadak.blogspot.com
शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पांडेय का ब्लॉग, http://shiv-gyan.blogspot.in/
जो न कह सके, jonakehsake.blogspot.com/
अज़दक, http://azdak.blogspot.com/
मल्हार, http://mallar.wordpress.com/
साईब्लाग,http://
ज्योतिष दर्शन, http://allastrology.blogspot.in/
पंजाबी लघुकथा, http://panjabilaghukatha.blogspot.in/
Life is beautifulआसमां के पार शायद... और कोई आसमां होगा..., http://ajayendra.blogspot.in/
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लोगों ने दिलचस्प कारण भी बताये हैं। शंकायें भी व्यक्त की हैं। कुछ बानगियाँ:
- पसन्द क्यों है सोचा नहीं कभी
- ऐसे ब्लॉगों तक पहुँचते ही नहीं जो नापसन्द आयें। सिक्स्थ सेंस, यू नो!
- आप मजाक तो नहीं कर रहे? वाकई गम्भीर हैं?
- कुछ समझदार लोगों को साथ ले लिये होते!
- बालपन सी सौम्यता, छोटे-छोटे लेखों में सहज सुन्दर बातें | किसी भी लेख में लैश मात्र भी दिखावटीपन नहीं | यही कारण है कि कम ब्लॉग्गिंग होने पर भी अत्यधिक प्रिय |
- connects me to my origin
- simple, straight forward and real
- इस पीढी पर विश्वास करने को दिल करता है क्योंकि ऐसे युवा मौजूद हैं
- मेरी समझ में ब्लाग एक तरह की निजी डायरी है जिसमें आदमी अपने व्यक्तिगत वा सामाजिक अनुभवों को दर्ज करता चलता है.. उसी आधार पर ये तीन ब्लाग मेरी पसन्द पर खरे उतरते हैं
- एक संस्थान, बहुत कुछ सीखने को
- पसन्द क्यों है सोचा नहीं कभी
- ऐसे ब्लॉगों तक पहुँचते ही नहीं जो नापसन्द आयें। सिक्स्थ सेंस, यू नो!
- आप मजाक तो नहीं कर रहे? वाकई गम्भीर हैं?
- कुछ समझदार लोगों को साथ ले लिये होते!
- बालपन सी सौम्यता, छोटे-छोटे लेखों में सहज सुन्दर बातें | किसी भी लेख में लैश मात्र भी दिखावटीपन नहीं | यही कारण है कि कम ब्लॉग्गिंग होने पर भी अत्यधिक प्रिय |
- connects me to my origin
- simple, straight forward and real
- इस पीढी पर विश्वास करने को दिल करता है क्योंकि ऐसे युवा मौजूद हैं
- मेरी समझ में ब्लाग एक तरह की निजी डायरी है जिसमें आदमी अपने व्यक्तिगत वा सामाजिक अनुभवों को दर्ज करता चलता है.. उसी आधार पर ये तीन ब्लाग मेरी पसन्द पर खरे उतरते हैं
- एक संस्थान, बहुत कुछ सीखने को
- कवितायें जो दिल में उतर जाएँ
- शायद किसी तर्क से समझा ना पाऊं . कभी किसी भी पोस्ट में किसी पर कोई आक्षेप नहीं , सबसे बेहतर यही लग रहा है . लेखन पर तो मैं क्या कहूँ
- उनकी लेखन शैली ऐसी है कि पढ़ने वाले को लगता है आप से बातें कर रहे हैं.और ज्ञानवर्धक अनमोल जानकारियाँ भी यहाँ हैं.
- शायद किसी तर्क से समझा ना पाऊं . कभी किसी भी पोस्ट में किसी पर कोई आक्षेप नहीं , सबसे बेहतर यही लग रहा है . लेखन पर तो मैं क्या कहूँ
- उनकी लेखन शैली ऐसी है कि पढ़ने वाले को लगता है आप से बातें कर रहे हैं.और ज्ञानवर्धक अनमोल जानकारियाँ भी यहाँ हैं.
- व्यंग्य पढ़ना मुझे प्रिय है.मेरे विचार में कार्टून बनाना और संतुलित व्यंग्य लिखना एक ऐसी कला है जिस में बिरले ही दक्ष होते हैं.
- बस हमें पसन्द है. विषय वस्तु और सरल सजह भाषा. बेकार की आदर्शवादिता के आडम्बर से दूर.
- एक अलग ही क्लास है :)
- तस्वीरें इस ब्लॉग की खासियत नहीं है, खासियत है तस्वीरों के साथ लिखे गए कैप्शन। हर कोई किसी तस्वीर को अपने कोण से देखता है।
- तस्वीरें इस ब्लॉग की खासियत नहीं है, खासियत है तस्वीरों के साथ लिखे गए कैप्शन। हर कोई किसी तस्वीर को अपने कोण से देखता है।
- मैंने अपनी वह च्वाइस दी है जो पूर्णतया मेरी निजी है। उम्मीद है आप मेरे प्रयास को समझेंगे।
- वह दीवानगिए-शौक कि हरदम मुझको/आप जाना उधर और आप ही हैराँ होना.- Baat kehne ka ek anootha andaaz, bachpan ki shrartein.
- कई लेखों में उच्च रक्तचाप की बीमारी सी झलकती है | (बिना मतलब के )
- मानवीय मूल्यों की सीख की अधिकता एवं ओप्तिमिस्टिक रवैया, बेअसर कारक ज्ञान भी बाँट देना आदि आदि वजह से मैं दूरी महसूस करता हूँ |
- वे सभी धार्मिक ब्लॉग्स नापसंद जो स्वयं को या अपने धर्मों को ऊँचा दिखाने के लिए दूसरे व्यक्ति या दूसरे धर्मों का अपमान करना आवश्यक समझते हैं !
- दोयम दजे की पोस्टों का अजब-गजब घालमेल है
- मीडियोकर अंदाज़, ब्लॉग मिसाल
- पल में तोला पल में माशा। पाठकों का भावनात्मक दोहन कर फेमस होने की चाह।
- गाली गलौज
- बॉटम लाईन इज़, जातक के ब्लॉग पर दिखावटीपन का असर है |
- एकतरफ़ा और भड़काऊ रिपोर्टिंग - असहमति की टिप्पणी न छापना
- अवमूल्यन समर्थक, सम्भवतः किसी विचारधारा का गुप्त मिशन
- द्वेष, आक्रोश, अराजकता का प्रसारक
- करहिं कूट नारदहिं सुनाई / नीक दीन्ह हरि सुंदरताई
- छोटा सा रीमाइंडर डालना चाहता हूँ कि बॉडीगार्ड हिंदी सिनेमा की सबसे ज्यादा कमाऊ फिल्म है, इसका मतलब यह नहीं कि यह हिंदी सिनेमा है | डिस्क्लेमर : इसे टॉप-टेन में ना आ पाने की मेरी खीझ समझ लीजिये |
- सच कहूँ तो इस ब्लॉग को अकारण नापसंद करता हूँ
- जो बहुत ज्यादा लिखते हैं, हर एक चीज पर लिखते हैं | बेशक हमेशा नापसंद नहीं होते, कभी कभी होते हैं | लेकिन उनके आसपास कमेंट्स की जो हवा बनती है, उससे मुझे और ज्यादा निराशा होती है | ११४ कमेंट्स के बाद ११५ नंबर पर रहकर आप लेखक से क्या संवाद करेंगे | और क्या मुमकिन है कि लेखक सच्चे दिल से आपसे मुखातिब है | ११४ लोगों से जो सही से बनाके रखे, मुमकिन है कि वो किसी से नहीं बना के रखे | ... पोस्ट्स, कमेंट्स और फोलोवर्स की संख्या एक निश्चित सीमा से परे चली जाती है, अक्सर दिल से नहीं लिखते | ये अपना स्टेटस बरकरार करने के लिए लिखते हैं|
...आप भी आलस त्यागिये और फटाफट अपना अभिमत बताइये! इसके पहले कि ई मेल रिमाइंडर भेजने पड़ें, अपनी पसन्द नापसन्द का खुलासा कर डालिये। - वह दीवानगिए-शौक कि हरदम मुझको/आप जाना उधर और आप ही हैराँ होना.- Baat kehne ka ek anootha andaaz, bachpan ki shrartein.
- Kahaniyan bahut achhi lagi.
- वो तरीका है, जिससे मैं सोचता हूँ |मुझे सरकार का साथ देना या विपक्ष में नहीं रहना, न ही मैं उदासीन रहना चाहता हूँ | ...अपनी बात कहता है,लोगों को सीधा एक रिपोर्टर की नज़रों से घटना को दिखाता है | अपना निर्णय भी देता है, यूँ भी कह सकते हैं कि पूरा वृतांत आपको इस तरह देता है कि आखिर में आप को ब्रेन-वाश कर सके |
- मैं उम्मीद करता हूँ कि जब आप ब्लॉगिंग का जिक्र कर रहे हो तो इसका मतलब महज हिंदी साहित्य नहीं हो... में पिकासो हैं, शाहरुख खान भी हैं | अगर सिर्फ हिंदी साहित्य की ही सोची जाए तो भी इस ब्लॉग का योगदान बहुत है | बहुत सारी कवितायें, कहानियाँ, और विभिन्न विषयों पर लेख हैं, जो हिंदी में पहले नहीं लिखे गए |
- पुराने तोष में धन अथाह! भाषाई-बिम्ब सौन्दर्य से अटा यह ब्लॉग सहज ही शरण में आने को आमंत्रित करता है।- प्रकृति और संस्कृति के करीब की मधुर कविताई
- कारण ठीक ठीक कह नहीं सकता, पर इस ब्लॉग पर जो भी लिखा जाता है बहुत चुस्त और रुचिकर तो होता ही है।
- वो तरीका है, जिससे मैं सोचता हूँ |मुझे सरकार का साथ देना या विपक्ष में नहीं रहना, न ही मैं उदासीन रहना चाहता हूँ | ...अपनी बात कहता है,लोगों को सीधा एक रिपोर्टर की नज़रों से घटना को दिखाता है | अपना निर्णय भी देता है, यूँ भी कह सकते हैं कि पूरा वृतांत आपको इस तरह देता है कि आखिर में आप को ब्रेन-वाश कर सके |
- मैं उम्मीद करता हूँ कि जब आप ब्लॉगिंग का जिक्र कर रहे हो तो इसका मतलब महज हिंदी साहित्य नहीं हो... में पिकासो हैं, शाहरुख खान भी हैं | अगर सिर्फ हिंदी साहित्य की ही सोची जाए तो भी इस ब्लॉग का योगदान बहुत है | बहुत सारी कवितायें, कहानियाँ, और विभिन्न विषयों पर लेख हैं, जो हिंदी में पहले नहीं लिखे गए |
- पुराने तोष में धन अथाह! भाषाई-बिम्ब सौन्दर्य से अटा यह ब्लॉग सहज ही शरण में आने को आमंत्रित करता है।- प्रकृति और संस्कृति के करीब की मधुर कविताई
- कारण ठीक ठीक कह नहीं सकता, पर इस ब्लॉग पर जो भी लिखा जाता है बहुत चुस्त और रुचिकर तो होता ही है।
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नापसन्दगियों के कुछ कारण (पसन्द या नापसन्द बताने वाले किसी व्यक्ति का नाम उसकी इच्छा विरुद्ध सार्वजनिक नहीं किया जायेगा, इसलिये अपना मत व्यक्त करते रहिये नि:संकोच, निर्भय): - कई लेखों में उच्च रक्तचाप की बीमारी सी झलकती है | (बिना मतलब के )
- मानवीय मूल्यों की सीख की अधिकता एवं ओप्तिमिस्टिक रवैया, बेअसर कारक ज्ञान भी बाँट देना आदि आदि वजह से मैं दूरी महसूस करता हूँ |
- वे सभी धार्मिक ब्लॉग्स नापसंद जो स्वयं को या अपने धर्मों को ऊँचा दिखाने के लिए दूसरे व्यक्ति या दूसरे धर्मों का अपमान करना आवश्यक समझते हैं !
- दोयम दजे की पोस्टों का अजब-गजब घालमेल है
- मीडियोकर अंदाज़, ब्लॉग मिसाल
- पल में तोला पल में माशा। पाठकों का भावनात्मक दोहन कर फेमस होने की चाह।
- गाली गलौज
- बॉटम लाईन इज़, जातक के ब्लॉग पर दिखावटीपन का असर है |
- एकतरफ़ा और भड़काऊ रिपोर्टिंग - असहमति की टिप्पणी न छापना
- अवमूल्यन समर्थक, सम्भवतः किसी विचारधारा का गुप्त मिशन
- द्वेष, आक्रोश, अराजकता का प्रसारक
- करहिं कूट नारदहिं सुनाई / नीक दीन्ह हरि सुंदरताई
- छोटा सा रीमाइंडर डालना चाहता हूँ कि बॉडीगार्ड हिंदी सिनेमा की सबसे ज्यादा कमाऊ फिल्म है, इसका मतलब यह नहीं कि यह हिंदी सिनेमा है | डिस्क्लेमर : इसे टॉप-टेन में ना आ पाने की मेरी खीझ समझ लीजिये |
- सच कहूँ तो इस ब्लॉग को अकारण नापसंद करता हूँ
- जो बहुत ज्यादा लिखते हैं, हर एक चीज पर लिखते हैं | बेशक हमेशा नापसंद नहीं होते, कभी कभी होते हैं | लेकिन उनके आसपास कमेंट्स की जो हवा बनती है, उससे मुझे और ज्यादा निराशा होती है | ११४ कमेंट्स के बाद ११५ नंबर पर रहकर आप लेखक से क्या संवाद करेंगे | और क्या मुमकिन है कि लेखक सच्चे दिल से आपसे मुखातिब है | ११४ लोगों से जो सही से बनाके रखे, मुमकिन है कि वो किसी से नहीं बना के रखे | ... पोस्ट्स, कमेंट्स और फोलोवर्स की संख्या एक निश्चित सीमा से परे चली जाती है, अक्सर दिल से नहीं लिखते | ये अपना स्टेटस बरकरार करने के लिए लिखते हैं|
- जो सबसे ऊपर है वो है बेसिरपैर लिखाई- "अमुक ने अपने ब्लॉग पर क्या लिखा", "आज सुबह मैंने हरे रंग की चप्पल पहनी", "हमारे घर आज चटनी में नमक कम था-तस्वीर देखिये"।
__________________________________
हमें न जाने कितने पसन्द हैं, ग्रन्थ लिखना पड़ेगा..
जवाब देंहटाएंसर जी! आप से ग्रंथ लिखने को नहीं कहा, बस तीन तीन ब्लॉग पूछे हैं। अब इतना तो हक बनता ही है।
हटाएंउत्साहवर्धक स्थिति है - तीन मत आ चुके हैं। आप भी अपना मत शीघ्र व्यक्त कीजिये। कहीं लोड के कारण सर्वर गड़बड़ा गया तो मौका हाथ से निकल सकता है।
जवाब देंहटाएंहम तभी भोट करेंगे जब आप "एक से भन्नाये" और "सबसे इलीट" ब्लॉगर की सिरेणियाँ भी लगायेंगे
जवाब देंहटाएंअब तो कमान से तीर निकल गया! आप ऐसा क्यों नहीं करते कि स्वयं इन श्रेणियों के लिये आयोजन कर दीजिये।
हटाएंमौसम भी है, मौका भी है...
मैं तो कहूँ कि सबको ऐसे आयोजन करने चाहिये। साल का एक महीना ऐसे आयोजनों के लिये जाना जाय। उत्सवी माहौल।
आलसी पर सबसे प्रिय ब्लॉग का कम्पटीशन चल रहा है
बर्ग वार्ता पर सबसे एलीट वाला... आदि आदि।
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है,
जवाब देंहटाएंये ब्लागों, ये आयोजनों, ये सम्मानों की दुनिया...
जय हिंद...
आप सबसे 'विरक्त ब्लॉगर' पुरस्कार का आयोजन कीजिये। मेरा वोट पक्का समझिये।
हटाएं...इस कम्पटीशन के लिये आप दूसरों के ब्लॉग नामित कीजिये लेकिन कीजिये तो सही!
ha ha ha
जवाब देंहटाएंpuraskarilal ki jai ho
जयकारा स्वीकार किया लेकिन उसकी सार्थकता तब है जब आप अपना अभिमत व्यक्त करें। अपने प्रिय और अप्रिय ब्लॉगों के नाम कारण सहित बता कर।
हटाएंजाने से पहले अवॉर्ड शो-केस की दुकां पर,
जवाब देंहटाएंक्यों न किसी मायूस ब्लॉगर को ही हंसाया जाय।
इतने चकाचक आयोजन के बाद कोई कैसे मायूस रह सकता है? आप 'सबसे मायूस ब्लॉगर' प्रतियोगिता का आयोजन कीजिये।
हटाएंगिरिजेश जी, धड़ाधड आयोजन की फ्रेंचाईजी बांट रहे है? कोई मल्टीनेशनल कम्पनी खोले है क्या? :)
हटाएंअनुरोध कर रहे हैं महराज! यहाँ सभी मल्टीनेशनल हैं। कौन किस से कम है? आप ने अभी भी अपना मत नहीं दिया! ग़लत बात।
हटाएंक्षमा करें, थोड़ा वक्त लगा पर अब मत अभिव्यक्त कर ही दिया :)
हटाएंहमारा मत जिसे मतमत भी कह सकते हैं, आप तक पहुंचेला है की नहीं? अब ऐसी भी क्या गोपनीयता कि मत के साथ मतदाता को भी घूंघट ओढ़ा दिया जाए? :)
जवाब देंहटाएंजिसपर विवाद\सवाल ही न उठें वो कैसा आयोजन\समारोह? इसलिए इसे हमारा प्रोटेस्ट कम सुझाव ज्यादा माना जाए - मत भले ही गोपनीय रखा जाए लेकिन मतदाता का नाम डिस्प्ले किया जाए ताकि मतदाता के पेट में मरोड़ न उठें कि कहीं उसका मत 'यहाँ रह्यो नहीं, वहां गयो नहीं' गति को प्राप्त तो नहीं हो गया:)
आप का मत प्राप्त भया। सुझाव के लिये धन्यवाद। नाम डिस्प्ले कर देते हैं।
हटाएं:)
हटाएं10 जून का इंतजार है!
जवाब देंहटाएंअपना मत व्यक्त कीजिये और आप से अनुरोध है कि 'सर्व प्रतीक्षित ब्लॉग' का अयोजन कीजिये।
हटाएंआप भी इसी संक्रामकता के शिकार हो गए ..,..
जवाब देंहटाएंप्रबुद्ध जन इन पचड़ों से दूर रहते हैं :)
आप के लिये सबसे 'संक्रामक ब्लॉग' की खोज मुफीद है। कृपया आयोजन करें।
हटाएंप्रबुद्ध कह कर हतोत्साहित न करें और कृपया अपनी पसन्द/नापसन्द के ब्लॉग मत दे कर बतायें। आप यहाँ के पचड़े में नहीं पड़ेंगे तो ठीक नहीं न होगा!
वोट देंगे, थोड़े इंतज़ार के बाद. पहले जायजा तो ले लें.
जवाब देंहटाएंपुरस्कारों का कुछ हिंट दें. और कुछ नहीं तो डिप्टी-पुरस्कारीलाल ही बना दें.
वोटों का खुलासा न करें तो बेहतर. इसे हमारा प्रोस्टेट समझें.
Nishant Bhai -
हटाएंप्रोस्टेट ?
आप के 'प्रोस्टेट' को मान देते हुये वोटरों के नाम का खुलासा बन्द किया जा रहा है। आप के वोट की प्रतीक्षा रहेगी।
हटाएंयदि आप ने समय रहते नहीं दिया तो आप को ई मेल और एस एम एस आदि से याद भी दिलाया जायेगा।
आप को कौन डिप्टी बना पायेगा? ज़ेन ज्ञान गंगा में तरी हो जायेगा फिर यह पुरस्कार आयोजन, लेन देन सब धरा रह जायेगा।
आज की ताजा खबर -
हटाएं'हमारे प्रोटेस्ट पर भारी पड़े उनके प्रोस्टेट' :)
गलती पकड़ने के लिए आभार.
हटाएंमैं आपके सामने 'प्रोस्ट्रेट' करता हूँ.
आपका भी स्वागत है आचार्य ...
जवाब देंहटाएंजी, आप का स्वागत स्वीकर किया। नहीं पता था कि हमारे घर में हमसे पहले ही आप बैठे हुये हैं! :)
हटाएंअपने प्रिय ब्लॉग नामित कीजिये सर जी!
बाप रे ....
हटाएंयह बड़ा मुश्किल है गुरु ...सोंचता हूँ :(
!7 जून 2012 तक ही क्यों !
जवाब देंहटाएंएक दिन तो रखना ही था तो अगले महीने के सात दिन लेकर रख दिया। लोगों को 18 दिन भी मिल जायेंगे। आप अपनी पसन्द नापसन्द बताइये।
हटाएंइतना टैम किसके पास है मालिक?? :)
जवाब देंहटाएंकैसे यार हो यार?
हटाएंपाँच मिंट भी नहीं दे सकते, वह भी संडे के दिन?
फौरन अपनी पसन्द का मत प्रेषित कीजिये।
going to send in my for sure. ""vote anmol hai , soch samajh kar dena hoga"" :) :) :) :)
जवाब देंहटाएंab ham chaar smiley diye - to aapke instructions se value = -2 ??
now - i wonder which franchisee will u award me girijesh sir ? :)) :))
आप 'अनमोल ब्लॉग' की प्रतियोगिता का आयोजन कीजिये :)
हटाएंआप के द्वारा ब्लॉगों के नामित किये गये जाने की प्रतीक्षा रहेगी।
क्योंकि आपको ब्लॉग करने वाले के नाम से मतलब है नहीं |
जवाब देंहटाएंतो क्या बेनामी या न्यूज़ पोर्टल, कोई भी वेब पोर्टल जो एक व्यक्ति द्वारा संचालित नहीं पर खास किस्म के आर्टिकल देता है, चलेंगे क्या ? आस-पास, जानकारों वाली हिंदी वाली जमात के अलावा जिसको शायद नामित किये जाने पर पता ही ना हो की वो कहीं चुना भी गया है |
एक और छोटा सा, पूछ लूँ क्या ?? आपने ये तो पूछा है हिंदी वाले .. पढ़ते हो क्या ? पर 'सबसे प्रिय ब्लॉग' बताने को कहा है न कि 'सबसे प्रिय हिंदी ब्लॉग' | क्या हिंदी के आलावा अन्य भाषा वाला भी चलेगा क्या ? कोई पसंद अंग्रेजी में हो तो ?
अरे भाई! पहली ही पंक्ति में बोल्ड में हिन्दी ब्लॉग लिखा है तो केवल हिन्दी ब्लॉग ही चलेंगे। अब जिसे अपना प्रिय नामित करना हो कारण सहित कर दीजिये, देखी जायेगी।
जवाब देंहटाएंये क्या शिलिर शिलिर लगा रखी है, कोई कितनी गिचिर पिचिर करे, उसकी फ़िक्र क्या ? :) :)
जवाब देंहटाएंशिलिर शिलिर का मतलब भी बताइये :)
हटाएंहाँ, इसका सम्बन्ध किसी की गिचिर पिचिर से नहीं है।
आप कारण सहित अपनी पसन्द नापसन्द के तीन ब्लॉग लिख भेजिये देव!
इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - बामुलिहाज़ा होशियार …101 …अप शताब्दी बुलेट एक्सप्रेस पधार रही है
जवाब देंहटाएंHindi blogging ke agambheer aur uthle paksh ko aap itnee gambheerta se lenge yah kam se kam aapse ummeed nahin thi. dekhte hain aap logon ka ye kanche aur gilli-dande ka khel kahan khatm hota hai Girijesh ji :P
जवाब देंहटाएंउम्मीद पर दुनिया कायम है :)
हटाएंप्रकृति खाली स्थान पसन्द नहीं करती। यह आप पर है कि उसे सद्प्रयास के लिये इस्तेमाल करते हैं या होने देते हैं।
यह खेल नहीं है। मृदु हास्य में लिपटे इस आयोजन के पाठ और नियमों को ध्यान से पढ़िये। आप से पसन्द नापसन्द के तीन तीन ब्लॉग कारण सहित पूछे गये हैं, लिख भेजिये। आप चाहेंगे तो आप का नाम गोपनीय रखा जायेगा। अग्रिम धन्यवाद सहित। साभार - गिरिजेश
ऋणात्मक मार्किंग !!! यह तो ज्यादती है !
जवाब देंहटाएं......
रही बात ब्लॉग के नाम सुझाने की तो अभी कोई दल बनाया नहीं, न किसी में शामिल हुई इसलिए कैसे बता दूँ सिर्फ तीन नाम ?वैसे.....ओके...ह्म्म्म.........ओके...ओके....रहने दिजीए!
वैसे सिर्फ तीन नाम कम हैं कृपया इनकी संख्या बढ़ाईये. इनाम की चिंता न करें उस हेतु ब्लोगेरों की लिखी पुस्तकें मिल ही जायेंगी! मैंने लिखी नहीं अन्यथा मैं भी चेरिटी में योगदान करती.
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आप के इस लेख [सो कोल्ड आयोजन ] के ज़रिए कुछ अच्छे लिंक मिले..
कुछ ऐसे हैं जिन्हें पहली बार पढ़ा है.
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सड्डे नाल रहोगे तो ऐश करोगे! :) उन लिंकों के बारे में यही कहूँगा कि 'हैं बहुत से और भी मुकाम जहाँ ठहरना सुकून देता है'।
हटाएंपसन्द/नापसन्द कारण सहित बताइये। यह एक ईमानदार प्रयास है, सदाशयता पर विश्वास रखिये। साथ ही यह भी कि आप चाहेंगी तो आप का नाम गोपनीय रखा जायेगा। कई जन अपनी बता चुके हैं। आप की राय भी महत्त्वपूर्ण है।
रही बात ईनाम की तो पुरस्कार द्रव्य या वस्तु के रूप में ही हो, प्रमाणपत्र के रूप में ही हो, क्या आवश्यक है? ... निश्चिंत होकर अपनी पसन्द/नापसन्द बताइये। ऋणात्मक मार्किंग रखने के पीछे भी एक अच्छा तर्क है। बाद में बताऊँगा।
जनाब सुबह से शाम हो गयी गफलत भरा ब्लॉग तो एक न मिला हमें...हां जो भी रास्ते में आया वो लाजवाब ब्लॉग था...अब हम परेशान है की इन सब लाजवाब ब्लोगों में से कोई तीन को चुनकर बाकी पर गुमनामी का इल्जाम कैसे धरे...
जवाब देंहटाएंबड़ी पेचीदगी है भाई साहब...''बुरा जो देखन मैं गया बुरा न मिल्या कोई''
धन्यवाद।
हटाएंसूची में तो केवल रुझान भर दिखाया गया है। आप इन ब्लॉगों से इतर भी नामित कर सकते हैं। जिन ब्लॉग पोस्टों के लिंक दिये हैं वे अपेक्षाकृत हिन्दी ब्लॉगरी में कम जाने जाते हैं लेकिन गुणवत्ता में किसी से कम नहीं।
कोई नापसन्दगी लायक नहीं मिला तो कोई बात नहीं, सबसे अधिक पसन्द वाले तीन भेज दीजिये कारण सहित।
सारे हीरे हैं लेकिन कैरेट, कलर, क्लेरिटी आदि के हिसाब से किसी को कोई अधिक अच्छा लगा सकता है तो किसी को और। आप को भी तीन सबसे अच्छे मिल ही जायेंगे।
और कुछ हो या न हो, कुछ ब्लाग और जुड़ गए मेरी फ़ेहरिस्त में. लिस्ट लीक करने के लिए धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंभेजते हैं नाम। अभी तो मतदान सात जून तक चलेगा न जी! इसी बीच कुछ और अच्छे ब्लाग पता चले। सही में ऐश हो गयी। :)
जवाब देंहटाएंअरिस्स ...जे मौका तो हाथ से कतई न छोडेंगे ..अच्छी भले बुरे , निकम्मे , घिसेपिटे , चकाचक , धकाधक , फ़टाफ़ट सबहैं कान बताते हैं आपको ..तीने ठो काहे हो ..ई त बहुते नाइंसाफ़ी है जी । तीन ठो के अलावे भेजे त लाटरिया निकाल के फ़ाइनल करिएगा न ।
जवाब देंहटाएंआपका यह शोध संशोधन कईं दृष्टियों से बहुउपयोगी है।
जवाब देंहटाएंपरिणामों की प्रतिक्षा रहेगी।
रोचक पोस्ट। आपके बेहतरीन आलेख में भी इतने कमेंटस् नहीं आते हैं।:)
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