कहानी का मॉरल यह है कि जब ऐसा धाकड़ आदमी ज्ञान के बारे में मिस्टेक कर सकता है तो हमारी क्या औकात? लिहाजा अपने को सँभाल कर और बालसुब्रमण्यम जी की सलाह पर अमल करते हुए पुन: लिखना शुरु कर रहा हूँ।
वह गड्ढा अभी भी जस का तस विद्यमान है। खबरों को मानें तो अभी तक कोई इंसान या जानवर उसमें गिरा नहीं है। लोग बहुत जोर शोर से वहाँ गाड़ी चलाना सीख रहे हैं। मतलब यह कि इस इलाके में सभी कार चलाने वाले दारूबाज हैं और जानवर भी होशियार हैं(यदि समझ में नहीं आया तो इस विषय पर मेरी पुरानी पोस्टें पढ़ें। )। इति सिद्धम् , लॉजिक के विद्यार्थियों और दार्शनिकों से क्षमा सहित।
एक हैरतअंगेज बात मैंने यह देखी कि वह छड़ का टुकड़ा भी चिकना सा गया है और अब उतना खतरनाक नहीं लगता। टायर निर्माताओं और विकास खण्ड के कार चलवइयों को इसका पूरा श्रेय जाता है। जानो माल को कोई नुकसान नहीं हुआ है। इसलिए नगर निगम और परिवहन विभाग के अधिकारी अपने सहयोग प्रोग्राम की सफलता से बहुत प्रसन्न हैं। इस साझा प्रोग्राम को चरणबद्ध तरीके से पूरे लखनऊ में लागू करने के लिए शासन की अनुमति ले ली गई है। साथ ही इस प्रोग्राम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हाइलाइट करने के लिए डी ए के वाइस श्री मस्तराम जी अमेरिका और यूरोप जाकर प्रेजेंटेशन करने वाले हैं। सुना है कि पाकिस्तान की दूसरी सरकार (वही समानांतर वाली) इसको अपने यहाँ लागू भी करने की सोच चुकी है और यह गड्ढा शरिया के हिसाब से बना है कि नहीं, यह देखने के लिए लखनऊ आ रही है।
इस ब्लॉग की कॉपी साइट http://girijeshrao.wordpress.com पर विचित्र बात हो गई। बाला जी 'गड्ढों' और गोमतीनगर के खण्डों में कंफ्यूजिया गए और ऐसी टिप्पणी लिखी जिससे लगा कि 'गड्ढों' के नाम 'वि' से रखे गए हैं।
('गड्ढा', 'खड्डा', गढ्ढा और 'खण्ड' में शब्दशास्त्रीय साम्य की जांच पड़ताल के लिए अजित वडनेरकर जी से अनुरोध कर रहा हूँ। मैं खुद जांच पड़ताल करूँगा तो वे रिसिया जाएँगें। बुजुर्गों का ध्यान तो रखना ही पड़ता है।)
हालाँकि मैंने उस समय स्पष्टीकरण दे दिया लेकिन तुरंत ही बालसुब्रमण्यम जी की दूर दृष्टि को भाँप गया। कल्पना कीजिए कि हर मुहल्ले (गोमतीनगर के केस में खण्ड) के सबसे होनहार गड्ढे को मोहल्ले का नाम दे दिया जाता है:
विकास गड्ढा (डेवलपमेंट में अच्छा योगदान !)
विशाल गड्ढा ( साइज के कारण)
विनम्र गड्ढा ( बहुत ही नफासत से लोगों को पाताल की राह दिखाता है)
विकल्प गड्ढा ( पाट दिए गए गड्ढे की जगह बनाया गया है)
विजय गड्ढा (किस की विजय ? जनता की कि विभाग की कि ठीकेदार की?)
विभव गड्ढा ( बहुत ही वैभवशाली है यह ! केवल धनिकों को ही जमींदोज करता है।)
.......
यदि आप लखनऊ के हैं तो समझ जाएँगे, यदि नहीं हैँ तो हमारे शहर पधारें।
अब मैं यदि कहूँ कि विभागीय साझेदारी के प्रोग्राम में 'लखनऊ टूरिज्म' भी सामिल है तो आप होशो हवास बनाए रखें और आगे की घोषणा को ध्यान से पढ़ें ( सुझाव सर्वाधिकार - बालसुब्रमण्यम)| गड्ढे पर लिखने की खुजली हमारे अनुज सिद्धार्थ के उकसाने पर शुरू हुई।:
अगली 30 जून तक गड्ढों की एक प्रतियोगिता आयोजित है। अपने शहर, गाँव, मुहल्ले के सर्व-प्रभावशाली गड्ढे का सचित्र वर्णन यहाँ पोस्ट करें। तीन श्रेणियों में विजेताओं की घोषणा होगी:
1.सबसे होनहार गड्ढा (सम्भावनाओं के आधार पर चयन)
2.सबसे सुन्दर गड्ढा (मासूक के हँसते हुए गालों का चित्र न भेजें)
3.सबसे बलवान गड्ढा (लोगों को पाताल दिखाने की क्षमता के आधार पर)
धुरन्धर लिक्खाड़ों को निमंत्रण भेज रहा हूँ - निर्णायक बनने के लिए। समीर जी ने सहमति दे दी है, बाकी सहमति आते ही सूचित करूँगा।
फॉर्मेट इस प्रकार होगा:
(1) निर्णायक मंडल में 3 निर्णायक रखने का प्रयास होगा। बाकी दादा लोगों कि सहमति जैसी हो। वैसे समीर जी अकेले कइ के बराबर हैं (वजन को आप जैसे भी इंटर्प्रेट करें)। संशोधन दिनांक 31/05/09 @0909 अंतिम सहमति आते ही निर्णायक मंडल का गठन हो चुका है। इन विभूतियों को लख लख धन्यवाद। नाम क्रम का आदर भावना से कोई सम्बन्ध नहीं है|सभी समान रूप से आदरणीय हैं। अब तक ऐसा सॉफ्टवेयर नहीं बना है जिससे सारे नाम एक ही बारी लिखे जा सकें:
निर्णायक मंडल: (1) समीर जी (उड़न तश्तरी) (2) ताऊ रामपुरिया जी (3)अजित वडनेरकर जी
(2) पोस्ट भेजने और प्रक्रिया का समस्त व्यय पोस्ट प्रेषक को स्वयं उठाना होगा। समस्त कानूनी, नैतिक, धार्मिक वगैरह अनुमतियों प्रक्रियाओं की जिम्मेदारी पोस्ट प्रेषक की होगी।
(2) गड्ढे की अनुमानित लम्बाई, चौड़ाई और गहराई देना आवश्यक है।
(3) गड्ढे का चित्र(फोटो, हुसैन आदि की पेण्टिग मान्य नहीं), लोकेशन, मोहल्ला और नगर का नाम अवश्य दें (केवल भारतीय गड्ढे ही प्रतिभागी हो सकते हैं। बाकी के लिए चाँद थुरूर की सहमति नहीं है)
(4) कितना पुराना है, कितने लोग उसमें गिर चुके हैं, कितनी दुर्घटनाएं करा चुका है, देना आवश्यक है।
(5) किस तरह और कैसे परोपकार कर रहा है – बताएँ।
(6) कितने विभाग भागीदार हैं? (पीडब्लूडी, पर्यटन विभाग,स्वास्थ्य विभाग,ट्रैफिक विभाग, निगम इत्यादि)।
(7) प्रविष्टियां प्राप्त करने की अंतिम तिथि 30/06/09
(8) जजों का निर्णय घोषित किया जाएगा 07/07/09
(9) यह ड्राफ्ट फॉर्मेट है। निर्णायक मण्डल इसमें परिवर्तन करने के लिए स्वतंत्र है।